रांची (ब्यूरो) वेजिटेबल मार्केट नहीं बनने से एक ओर जहां दुकानदारों को जगह नहीं मिल पा रही है। वहीं दूसरी ओर जाम की समस्या भी बनी हुई है। सब्जी विक्रेताओं के लिए सरकार ने अलग से सब्जी मार्केट बनाने का एलान किया था, शहर को जाम मुक्त, साफ और स्वच्छ बनाने के लिए चार साल पहले ही यह फैसला लिया गया था। लेकिन अबतक यह मार्केट आकार नहीं ले सका है। रोड पर सब्जी दुकान लगाने की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। शहरवासियों को हर दिन इससे दो-चार होना पड़ता है। कचहरी और लालपुर में जाम की सबसे बड़ी वजह रोड पर लगने वाली सब्जी दुकान ही हैं। समस्या को समाप्त करने के लिए नागा बाबा खटाल और डिस्टलरी पुल के पास सब्जी मार्केट बनाने की योजना तैयार हुई थी।

2019 में ही थी डेडलाइन

पाच साल पहले सिटी के लिए सब्जी मार्केट बनाने का प्रपोजल तैयार हुआ था। 29 दिसंबर 2017 को नगर विकास मंत्री ने धूमधाम से इसका शिलान्यास किया, मार्केट को साल 2019 में ही तैयार करने की डेडलाइन थी, लेकिन, पाच साल पूरा होने को है अबतक काम पूरा नहीं हुआ है।

275 दुकानें बननी हैं

कोकर, डिस्टलरी पुल के पास बन रहे अंडरग्राउंड मार्केट में 275 दुकानें बनेंगी। जो स्थान पार्किंग के लिए छोड़ा जाना था, अब वहां भी स्लैब बना कर सब्जी वालों को जगह देने की योजना है। पुल से लालपुर चौक तक कुल 325 दुकानें लगती हैं।

देखरेख के अभाव में पार्क बना नर्क

पास में ही विवेकानंद स्मृति पार्क का भी निर्माण कराया गया है। सबसे पहले निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर तालाब पर विवेकानंद पार्क का निर्माण कराया। पार्क बनानेवाले निगम के जनप्रतिनिधि ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते हुए कहा था कि पार्क बनने से आसपास के लोगों को स्वच्छ वातावरण मिलेगा। साथ ही भूगर्भ जलस्रोत पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। इसलिए पार्क के बीच-बीचों एक तालाब भी बनाया गया। लेकिन यह पार्क अब देखरेख के अभाव में नर्क बन गया है। यहां नशेडिय़ों का अड्डा बन गया है, जिससे लोग इस पार्क में जाने से भी परहेज करने लगे हैं।