रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची का सदर अस्पताल अब इलाज के साथ-साथ मेडिकल पीजी की पढ़ाई भी करवाएगा। सदर अस्पताल में नीट पीजी के माध्यम से चार सीटों पर एडमिशन होगा। दो सेट प्राइमरी डीएनबी और दो सेट सेकेंडरी डीएनबी के लिए आवंटित किए गए हैं। इसको लेकर सदर अस्पताल में पूरी तैयारी शुरू हो गई है। प्राइमरी डीएनबी 3 साल का है, जिसमें एमबीबीएस के बाद नामांकन होगा। इस कोर्स में नामांकन इसी साल से लिया जाएगा। वहीं, सेकेंडरी डीएनबी में नामांकन डीजीओ के बाद लिया जाएगा

नहीं भरना पड़ेगा बांड

डीएनबी कोर्स में सदर अस्पताल से पढ़ाई करने पर फायदा यह होगा कि इसमें छात्रों को बांड नहीं भरना होगा। जबकि एमएस और एमडी में बांड भरना पड़ता है। कॉलेज छोडऩे पर बांड के हिसाब से जुर्माना भरना पड़ता है। डीएनबी कोर्स का फायदा यह है कि विद्यार्थी विदेश में भी सेवा दे सकते हैं। वहीं, एमएस और एमडी कोर्स करने के बाद सिर्फ भारत में ही सेवा दी जा सकती है।

रिसर्च के आधार पर होगी पढ़ाई

यहां पीजी की पढ़ाई शुरू हो जाने से अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज भी मिलेगा। इसमें रिसर्च वर्क के आधार पर पढ़ाई कराई जाएगी। डिप्लोमा के समकक्ष डीएनबी कोर्स शुरू किया जाएगा। पहले चरण में गायनी कोर्स शुरू होगा। यह पहला जिला अस्पताल होगा, जहां इस तरह का कोर्स शुरू हो रहा है। सबसे खास बात यह होगी कि यहां मात्र चार सीट पर एडमिशन होगा। 500 बेड के इस अस्पताल में मरीजों की संख्या बहुत अधिक रहती है। छात्रों को मरीजों के साथ रिसर्च करने का भी मौका मिलेगा।

कोर्स के लिए डॉक्टर्स पैनल

कोर्स के लिए डॉक्टरों का पैनल तैयार कर लिया गया है। इनमें डॉ किरण कुमारी चंदेल, डॉ समरीना कमाल, डॉ रश्मि सिंह, डॉ सीमा गुप्ता, डॉ अनिता सिंह समेत अन्य शामिल हैं। यहां मणिपाल यूनिवर्सिटी के फैकल्टी की मदद भी ली जाएगी। यहां प्रोफेसर भी छात्रों को पढ़ाने के लिए आएंगे।

डिप्लोमा के समतुल्य मान्यता

कोर्स पूरा करने के बाद एमबीबीएस डिग्रीधारी वरिष्ठ चिकित्सकों को डिप्लोमा के समतुल्य मान्यता मिलेगी। चयनित फैकल्टी, गाइड के लिए प्रमाण-पत्र, योग्यता, अनुभव, उनके रिसर्च जर्नल्स एवं विभाग में आने वाले मरीजों की संख्या को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है।

डेवलप हो रहा इंफ्रास्ट्रक्चर

अस्पताल में डीएनबी कोर्स शुरू करने की तैयारियां तेज हो गईं हैं। मणिपाल कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज से सिमुलेशन सेंटर स्थापित करने में मदद ली जाएगी। कक्षाओं के संचालन के लिए स्मार्ट ब्लैक बोर्ड, बेंच और डेस्क आदि का अभी से इंतजाम किया जा रहा है। डीएनबी कोर्स शुरू होने के बाद सूबे में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर होगी। कोर्स पूरा करने के दौरान तीन साल तक चिकित्सकों को अस्पताल में रहकर अन्य चिकित्सक को ट्रेंड करना होगा।

नीट पीजी का स्कोर आधार

मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग के मुताबिक, विद्यार्थी नीट पीजी एग्जाम-2023 के माध्यम से इन सीटों पर दाखिला ले सकेंगे। पीजी काउंसलिंग के वक्त उनके सामने एमडीए एमएस के साथ ही डीएनबी ऑब्स एंड गायनी कोर्स के लिए भी सदर अस्पताल रांची का विकल्प मौजूद रहेगा। यह अस्पताल इस क्षेत्र का पहला जिला अस्पताल होगा।