रांची(ब्यूरो)। अगर आपने भी प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत पैसे लेकर घर नहीं बनाया तो खैर नहीं। नगर विकास विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। शहर में ऐसे पांच सौ लाभुक हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली किस्त लेने के बाद भी घर बनाने का काम शुरू नहीं कराया है। नगर निगम की ओर से सीटी मैनेजरों को निर्देश दिया है कि वैसे सभी लाभुकों से संपर्क कर जल्द से जल्द काम शुरू कराएं। जो लाभुक घर नहीं बनाना चाहते हैं, उनसे पैसा वापस कराया जाए।

भेजा गया है नोटिस

नगर निगम का ओर से ऐसे लाभुकों को लगातार नोटिस भी भेजा जा रहा है। बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत घर बनाने के लिए लाभुकों को चार किस्त में 2 लाख 25 हजार मिलते हैं। पहली किस्त 45000 रुपए का उपयोग नहीं करने पर इन लाभुकों पर निगम सख्ती बरतने के मूड में है। अब निगम की टीम इन लोगों के घरों में जाएगी आर उनसे पैसा वसूलेगी।

विभाग ने मांगी है रिपोर्ट

प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत पैसे लेने के बाद भी घर नहीं बनानेवाले लोगों से योजना की राशि वसूली जाएगी। नगर विकास विभाग ने सभी नगर निकायों को इससे संबंधित निर्देश दिया है। कहा है कि राशि लेने के बावजूद निर्माण नहीं करनेवाले लाभुकों को चिह्नित कर उनसे रुपए की वसूली सुनिश्चित करें। नगर विकास विभाग ने निकायों से योजना के क्रियान्वयन की रिपोर्ट मांगी है, साथ ही वसूली गई राशि सरेंडर करने का निर्देश दिया है।

निर्माण कार्य प्रगति पर

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में अब तक लगभग 93 हजार आवास का निर्माण पूरा कर लिया गया है। लगभग 85 हजार आवास का निर्माण कार्य प्रगति पर है। योजना के एएचपी घटक-3 के तहत कुल 13,702 आवासों का निर्माण होना है। घटक-3 में अब तक 1,639 आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। वहीं, 12,063 आवासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा लगभग सभी निकायों में ऐसे लाभुक भी हैं, जिन्होंने सहायता राशि प्राप्त करने के बावजूद घरों का निर्माण नहीं किया है। कई मामलों में जमीन विवाद की वजह से भी निर्माण नहीं शुरू किया जा सका है। ऐसे लाभुकों को चिह्नित कर नगर निकाय उनसे वसूली कर राज्य सरकार को राशि लौटायेंगे।

बढ़ा दिया गया है समय

भारत सरकार ने पीएम आवास योजना की कार्यान्वयन अवधि बढ़ा कर 31 दिसंबर 2024 कर दी है। साथ ही 31 मार्च 2022 तक स्वीकृत किए गए आवासों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता भी जारी करने की सहमति दी गई है। इससे झारखंड में करीब 1.5 लाख गरीबों के घर अगले दो वर्षों में बन कर तैयार हो जाएंगे।