RANCHI: राजधानी में वाहनों से जहरीला धुआं निकल रहा है या नहीं। इससे प्रदूषण नियंत्रण करने वाली संस्थाओं का कोई सरोकार नहीं है। वाहनों का प्रदूषण चेक किए बिना ही ओके का सर्टिफि केट दिया जा रहा है। शहर में गाडि़यों को मिलने वाला पॉल्यूशन सर्टिफिकेट कागज की तरह बांटे जा रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने शहर में आंखों देखा हाल जाना कि किस तरह से बिना जांच के मिल रहा सर्टिफिकेट।

किसी को नहींकिया रिजेक्ट

गुरुवार को कोकर रिवर्सा अपार्टमेंट के सामने पॉल्यूशन जांच करने वाली गाड़ी लगी थी। वहां 20 मिनट में तीन बाइक और दो कार आई, सभी की जांच की गई और सर्टिफिकेट दे दिया गया। जांच करने वाले से जब पूछा कि हर गाडी फिट है? जांच का क्या पैमाना है? उसने बताया कि मशीन देखकर हमलोग जांच कर लेते हैं।

सिर्फ रजिस्ट्रेशन दिखाना होगा

रातू रोड में कब्रिस्तान के सामने भी प्रदूषण जांच केंद्र पर सिर्फ गाड़ी का रजिस्ट्रेशन मांगा जा रहा था। गाड़ी की फोटो ऑनलाइन ली गई और सर्टिफिकेट तीन मिनट में जारी कर दिया गया। एजेंसी चलाने वाले ने बताया कि साइलेंसर में हमलोग एक इक्यूपमेंट डालते हैं, उससे पता चल जाता है कि पॉल्यूशन का लेवल कितना है।

घूम-घूम कर बांट रहे सर्टिफिकेट

सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों के धुएं में पाल्यूशन जांचने के नाम पर मजाक किया जा रहा है। शहर में रातू रोड, कचहरी, कोकर इलाके में गाडि़यों पर प्रदूषण जांच केंद्र चलाने वाली प्राइवेट फ र्म कायदे- कानून को ताक पर रखकर काम कर रही है। वाहनों की जांच पड़ताल कराए बिना आनलाइन पाल्यूशन जांच रिपोर्ट जारी कर दी जा रही है। प्राइवेट संस्थाओं को पाल्यूशन जांच के लिए अथारिटी गवर्नमेंट की ओर से दी जाती है। इसका ठीक से अनुपालन हो रहा है कि नहीं, कोई मॉनिटरिंग नही की जा रही है।

ये हैं खामियां

-कितने वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जारी किया, इसका कोई रिकार्ड नहीं है।

-प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को फेल करने के बजाय सभी को पास होने का सर्टिफिकेट बांट रहे हैं जांच केंद्रों पर।

-जिन वाहनों का प्रदूषण स्तर जांचकर प्रमाण पत्र जारी किया गया है। उनका रिकॉर्ड प्रत्येक माह परिवहन कार्यालय में जमा करवाना होता है, लेकिन अधिकतर प्रदूषण जांच केंद्र के प्रबंधकों को इस नियम की परवाह नहीं है।

- जांच केंद्र के मशीन ऑपरेटर के पास स्मोग और गैस एनालाइजर का सर्टिफिकेट या डिप्लोमा होना चाहिए। यह सर्टिेफिकेट प्रदूषण जांच की मशीन बनाने वाली कंपनी ऑपरेटर को प्रशिक्षण देकर जारी करती है। लेकिन प्रदूषण जांच केंद्रों के काफ ऑपरेटर का कोई सर्टिफि केट नहीं है।

-प्रदूषण जांच केंद्र के मालिक तय समय पर विभाग से अपने लाइसेंस को रिन्यूवल भी नहीं करवा रहे।

-कई प्रदूषण जांच केंद्र गाड़ी की जांच पर पहुंचे बिना और गाड़ी की इंजन को स्टार्ट किए बिना ही सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं।

-कई केंद्रों पर प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र के लिए लिये जाने वाले शुल्क के संबंध में बोर्ड नहीं लगे हैं।

वर्जन

गाडि़यों की प्रदूषण का सर्टिफिकेट बांटने वालों की शिकायत हमलोगों को मिल रही है। वो लोग मनमानी कर रहे हैं हमलोग रिपोर्ट मांगते हैं कि कितनी गाडि़यों को सर्टिफिकेट मिला और कितने को रिजेक्ट किया गया है। गलत करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

-नागेंद्र पासवान, डीटीओ, रांची