रांची(ब्यूरो)। भौतिक ज्ञान के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान को भी उचित स्थान मिले। नैतिक मूल्यों की समाज में जरूरत के साथ-साथ मनोयोग व बुद्धियोग भी व्यक्तिगत जीवन में जरूरी है। ये बातें ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहीं। वह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय हरमू रोड की ओर से महाशिवरात्रि को लेकर ओवरिया हटिया में आध्यात्मिक कार्यक्रम एवं शोभा यात्रा को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मनोयोग ईश्वर के साथ जोडऩे से ही मनुष्य में दिव्य गुणों का उत्कर्ष होगा। मन में विवेक उदय होकर आत्मा परमात्मा के सम्मुख होगी। श्रेष्ठ कर्म होने लगेंगे। शिव का स्मृति चिहन शिवलिंग के रूप में सर्वत्र सर्व धर्मावलम्बियों द्वारा मान्य है।
सत्कर्म की शिक्षा शिव ही देते हैं
वहीं, सभा में उपस्थित राजकिशोर करण सेवानिवृत्त आभियंता ने कहा कि सत्कर्म की सत्य शिक्षा तो केवल परमात्मा सदाशिव भगवान ही देते हैं। विकारग्रस्त विश्व के अज्ञान अंधकार को मिटाकर शिव ही प्रकाशमय बनाते हैं। राजेश्वर नायक सेन्ट्रल बैंक के पूर्व प्रबंधक ने कहा ज्ञान सागर परमात्मा शिव से अमृत कलश प्राप्त करके अज्ञानता से ग्रस्त नर-नारियों को अमर पद दिलाने की ईश्वरीय सेवा करने के कारण भारत में शिव शक्तियों का गायन होता है। शिवलिंग सजाकर शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा ओवरिया गांव से आरंभ होकर लटमा, हेसाग होते हुए सिंह मोड़ और हटिया क्षेत्र तक निकाली गई। सभी को शिव अवतरण का संदेश दिया गया। ज्ञातब्य हो कि उपरोक्त सभी स्थानों में स्थित ब्रह्माकुमारी केन्द में प्रतिदिन नि:शुल्क राजयोग का प्रशिक्षण दिया जाता है। नया युग आध्यात्मिक युग होगा।