RANCHI: शनिवार की देर रात जारंगो गांव के मुखिया व पूर्व नक्सली जीवन सिंह मुंडा की हत्या बुंडू और सरायकेला-खरसांवा इलाके में सक्रिय माओवादी महाराज प्रमाणिक उर्फ राज प्रमाणिक व उसके दस्ते ने की है। यह खुलासा पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद किया है। महाराज प्रमाणिक राज्य सरकार की ओर से दस लाख का ईनामी नक्सली है। वह काफी दिनों से फरार है। उस पर कई संगीन मामले दर्ज हैं.फिलहाल, महाराज प्रमाणिक गिरिडीह के नक्सली अनलदा उर्फ पतिराम मांझी के साथ रह रहा है।

सहयोगी नक्सली जेल में हैं बंद

रांची पुलिस ने पूर्व में ही महाराज प्रमाणिक के साथियों अमित मुंडा उर्फ चुका मुंडा, कृष मुंडा उर्फ छोटु मुंडा को जेल भेज दिया है। कृष पर दस-दस हजार का ईनाम थरा। खेता मांझी पर दस हजार, रतन लोहार पर दस हजार, इंद्र मांझी पर दस हजार, नोखाई लोहा पर दस हजार, सुशेन बास्के पर दस हजार, देवपाल गोराई पर दस हजार, समीर दास पर बीस हजार का इनाम घोषित है।

एसपी कर रहे हैं कैंप

मुखिया व पूर्व नक्सली जीवन मुंडा की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद से ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा, बुंडू एसडीपीओ केवी रमण तथा सीआरपीएफ की टीम तमाड़ में जमी हुई है। पुलिस हर हाल में तमाड़ इलाके में फिर से फन उठानेवाले नक्सलियों के दस्ते के सफाए के लिए अभियान चलाएगी। इस बाबत सरायकेला पुलिस से भी मदद मांगी गई है।

हार्डकोर नक्सली रहा था जीवन भी

जीवन मुंडा खुद हार्डकोर नक्सली था। उसे पुलिस ने पकड़ कर जेल भेजा था। वर्ष ख्008 में वह जेल से निकला था। उसके खिलाफ पहले से करीब क्0 मामले में तमाड़, बुंडू के थाने में दर्ज हैं।

ब् नक्सली पोस्टर मिले थे

जीवन सिंह मुंडा तमाड़ थाना क्षेत्र के बुरूसिगु गांव के निवासी थे। उनका शव रविवार को गांव के कुछ दूर स्थित जंगल के किनारे से बरामद किया गया था। पुलिस ने घटनास्थल से चार पोस्टर भी बरामद किया था। इसमें इस बात का जिक्र था कि पुलिस की दलाली बंद करो, एसपीओ होश में आओ। नक्सलियों के नाम पर लेवी लेनेवालों की मौत की सजा है।

विनती करती रही पत्नी, नहीं माने नक्सली

पत्‍‌नी के मुताबिक, रात करीब क्क्.फ्0 बजे चार नक्सली हथियार से लैस होकर पहुंचे और घर का दरवाजा खुलवाया। दरवाजा खोलते ही नक्सलियों ने जीवन मुंडा को हथियार के बल पर अपने कब्जे में ले लिया और घाटदुवारा जंगल की ओर ले गए। इस दौरान डुभनी देवी, जीवन मुंडा को छोड़ देने के लिए नक्सलियों के सामने हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाती रही। पर, वे लोग नहीं माने। नक्सली जीवन को गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर ले गए, हाथ बांधा और कनपटटी में गोली मारकर हत्या कर दी।