रांची (ब्यूरो)। लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। नहाय खाय के साथ ही इस पर्व का आगाज 28 अक्टूबर हो रहा है। जो सोमवार को प्रात: अघ्र्य के साथ संपन्न होगा। रविवार को सांध्य अघ्र्य दिया जाएगा। सिर्फ तीन दिन बाद ही छठ घाट पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ेगी। लेकिन घाट की तैयारी के क्षेत्र में अबतक कुछ खास काम नहीं किए गए हैं। खासकर सुरक्षा के दृष्टिकोण से तैयारी शुरू भी नहीं की गई है। मानसून के जाते-जाते हुई लगातार बारिश की वजह से राजधानी के सभी जलाशय लबालब भरे हुए हैं। छठ महापर्व को देखते हुए डीजे आईनेक्स्ट ने सिटी के छठ तालाबों का रियलिटी चेक किया। कहीं भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नजर नहीं आए।

डैम लबालब

सिटी के कांके और हटिया डैम में सबसे ज्यादा लाखों की संख्या में छठ व्रती आते हैं। इस डैम का जल स्तर अब भी खतरे के निशान के समीप है। हटिया डैम की क्षमता 38 फीट है, जबकि अभी यहां का वाटर लेवल 37 फीट है। वहीं कांके डैम की कैपासिटी 28 फीट है, यहां का वाटर लेवल 27 फीट तक है। ऐसे में सुरक्षा को देखते हुए बैरिकेडिंग और मार्किंग करना बेहद जरूरी है। फिर भी अबतक नगर निगम इस दिशा में ध्यान नहीं दे रहा है।

तालाबों में भी भरा है पानी

कांके और हटिया के अलावा दूसरे जलाशय जहां छठ व्रती भगवान भास्कर को अघ्र्य देने पहुंचते हैं। उन जलाशयों में भी पानी लबालब भरा हुआ है। हटनिया तालाब, लाइन टैंक तालाब, बड़ा तालाब, चडरी तालाब, टुनकी टोला तालाब, चुटिया तालाब समेत अन्य जलाशयों में भी सीढ़ी तक पानी भरा हुआ है। इन जलाशयों में सावधानी बरतना अनिवार्य होगा। थोड़ी सी भी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है। नगर निगम की ओर से बार-बार सुरक्षा और सफाई को लेकर दावे किए जा रहे हैं। युद्धस्तर पर सफाई कराने का भी दावा किया गया है, लेकिन अबतक की स्थिति देख सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं।

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लाइन टैंक तालाब

लाइन टैंक तालाब की सीढ़ी तक पानी भर गया है। दो सीढ़ी नीचे उतरते ही कमर तक पानी आ जाता है। यहां बड़ी संख्या में छठ व्रती आते हैं। अब तक सुरक्षा को देखते हुए कोई तैयारी नहीं हुई है। इस तालाब में छठ पूजा का आयोजन चडरी सरना समिति के देखरेख में किया जाता है। सुरक्षा का इंतजाम नगर निगम ही करता है।

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चडरी तालाब

चडरी तालाब की स्थिति और ज्यादा खराब है। यहां सुरक्षा के साथ-साथ सफाई को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस तालाब में भी सैकड़ों लोग छठ पूजा करने आते हैं। तालाब के एक किनारे में गंदगी का अंबार है। पूजन सामग्री के अलावा शराब के बोतल भी बिखरे पड़े हैं।

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हटनिया तालाब

नक्षत्र वन स्थित हटनिया तालाब में बड़ी संख्या में छठ वर्ती आते हैं। यह तालाब सफाई के मामले अन्य तालाबों से बेहतर समझे जाते हैं। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यहां भी अबतक काई व्यवस्था नहींं हुई है। हटनिया तालाब में भी वाटर लेबल सीढ़ी से ऊपर तक पहुंच गया है।

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टुनकी टोला

बरियातू स्थित टुनकी टोला तालाब में भी जल स्तर बढ़ा हुआ है। इस तालाब में हर दिन लोग नहाना धोना और मछली भी पकड़ते हैं, जिससे तालाब का पानी गंदा रहता है। इस तालाब में भी छठ वर्ती आते हैं। यहां भी नगर निगम द्वारा न तो सफाई कराई गई है और न ही सुरक्षा को देखते हुए बैरिकेडिंग की गई है।

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बनस तालाब

चुटिया स्थित बनस तालाब का हाल भी अन्य तालाबों की तरह ही है। तालाब में जलस्तर काफी है। पूजा के दौरान लोगों को सावधानी बरतनी होगी। तीन सीढ़ी तक पानी भरा हुआ है। इसके अलावा सिटी के दूसरे तालाबों की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही है। सभी जगह एहतियात बरतना जरूरी होगा।

युद्धस्तर पर सफाई अभियान चलाकर सभी छठ घाटों की साफ-सफाई कराई जाएगी। सुरक्षा को लेकर छठ घाटों की बैरिकेडिंग करने का निर्देश दिया गया है।

-आशा लकड़ा, मेयर, आरएमसी