रांची: कोरोना का कहर कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। लगातार मिल रहे मरीजों से एकबार फिर गवर्नमेंट हॉस्पिटलों के बेड फुल होने की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स में तो काफी मरीज एडमिट हैं। ऐसे में प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने भी कोरोना से निपटने की तैयारी कर रखी है। वहीं, कोरोना से लड़ाई के लिए एक मेडिकल टीम भी तैयार है। प्रबंधन का कहना है कि अगर उन्हें मौका मिला तो कोरोना मरीजों का इलाज भी करेंगे। बताते चलें कि फिलहाल सिटी के दो गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में ही कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

रिम्स व सीसीएल में फिलहाल इलाज

रांची में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। सबसे ज्यादा कोरोना के मामले जून महीने में ही सामने आए हैं। अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज रिम्स के अलावा सीसीएल के गांधीनगर हॉस्पिटल में किया जा रहा है, जिसमें लगभग 70 बेड हैं। जबकि अकेले रिम्स में 100 बेड उपलब्ध हैं। इसके अलावा एक प्राइवेट हॉस्पिटल पारस को हेल्थ डिपार्टमेंट ने रिजर्व में रखा है।

दस बेड रखने का था आदेश

कोविड 19 के कहर को देखते हुए सरकार ने सभी हॉस्पिटलों को आदेश दिया था। इसके तहत सभी को अपने हॉस्पिटल में 10-10 बेड तैयार रखने को कहा गया था, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। इसके अलावा सभी को वेंटिलेटर भी रखने को कहा था। चूंकि कोरोना के मरीजों को इसकी तत्काल जरूरत पड़ती है।

प्राइवेट में इलाज चाहते हैं कई लोग

बाहर से आने वाले लोग क्वारंटीन के लिए होटलों में रहना पसंद कर रहे हैं। जबकि कुछ लोग होम क्वारंटीन में भी थे। लेकिन कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें या तो रिम्स में भेजा गया या फिर सीसीएल में। ऐसे में कुछ मरीज भी सामने आए जो प्राइवेट में इलाज कराना चाहते थे, जहां पैसे चुकाने पर उन्हें व‌र्ल्ड क्लास फैसिलिटी भी मिलती।

प्राइवेट में मिलेंगी ये फैसिलिटीज

-सेपरेट रूम

-अटैच्ड टॉयलेट

-क्लीन रूम

-प्राइवेसी

हमलोगों ने कोरोना को देखते हुए तैयारी तो कर ली। 10 बेड का पूरा आइसोलेशन तैयार है, जिसमें वेंटीलेटर के साथ सारी फैसिलिटी अवेलेबल है। लेकिन मेरा एक सुझाव होगा कि कोविड पेशेंट के लिए डेजिग्नेटेड हॉस्पिटल में ही इलाज की व्यवस्था हो। चूंकि हमारी बिल्डिंग में सेपरेट यूनिट तो नहीं है ऐसे में थोड़ा खतरा है।

-आनंद श्रीवास्तव, एडवाइजर, मेडिका हॉस्पिटल्स ग्रुप, बूटी मोड़

हमारे हॉस्पिटल में तो आइसोलेशन वार्ड रेडी है। 10 बेड की कोविड यूनिट भी हमने बनाई है, जिसमें आईसीयू जैसी सारी सुविधाएं हैं। फिलहाल एक पेशेंट का इलाज भी हम कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ती है तो हम ज्यादा मरीजों का भी इलाज करेंगे, जिससे कि मरीजों को कम से कम परेशानी हो।

-डॉ आदित्या, डीएमएस, मेदांता हॉस्पिटल, इरबा

जैसा कि गवर्नमेंट ने आदेश दिया था, उसके अनुसार दस बेड की पूरी यूनिट रेडी है। हमारे डॉक्टरों की भी टीम है। जब भी जरूरत पड़ेगी तो कोरोना से निपटने को हम तैयार हैं। मरीजों की सुविधा के लिए हॉस्पिटल में तमाम सुविधाएं हैं, जिससे कि मरीजों को इलाज के दौरान कोई दिक्कत न हो।

संतोष कुमार, जीएम, आर्किड हॉस्पिटल