रांची: ड्रंक एंड ड्राइव के शिकार हुए दो युवकों के परिजनों ने मुआवजे और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गुरुवार को रांची के चुटिया थाने का घेराव किया। इस मामले को लेकर गुस्साई भीड़ ने 4 घंटे तक चुटिया थाना को घेरे रखा। आरोपी की दोबारा गिरफ्तारी और मुआवजे को लेकर काफी देर तक चुटिया थाना का कामकाज बाधित रहा। परिजनों का आरोप था कि जिस युवक की कार से हादसा हुआ और उसमें दो लोगों की जान चली गई, जबकि 7 लोग जीवन और मौत से अस्पतालों में जूझ रहे हैं। उस युवक को जमानत कैसे मिल गई। लोग इंसाफ की मांग को लेकर सड़क पर जमे रहे।

थाना का कामकाज ठप

इस मामले को लेकर गुस्साई भीड़ ने 4 घंटे तक चुटिया थाना को घेरे रखा। आरोपी की दोबारा गिरफ्तारी और मुआवजे को लेकर काफी देर तक चुटिया थाना का कामकाज बाधित रहा। हालांकि, बाद में आरोपी के परिजनों ने थाने के अंदर ही मृतकों के परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवा लिया।

दबाव में गरीब परिजन, आरोपी के परिजन पहुंचे थाना

ड्रंक एंड ड्राइव का शिकार हुए युवक बादल करमाली और अजय भोक्ता के परिजन जब थाना घेराव करने पहुंचे थे तब काफी आक्रोशित थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी गरीबी और मजबूरी ने उनकी आवाज को खामोश कर दिया। थाना घेराव के बीच ही आरोपी जतिन बेदी के परिजन थाना पहुंच गए और मृतकों के परिजनों को बुलाकर उन्हें मुआवजा, जबकि घायलों के परिजनों को बड़े अस्पतालों में इलाज करवाने की बात कही।

लोगों ने समझाई रुपए की कीमत

आसपास के लोगों ने मृतक के परिजनों को समझाया कि पैसे मिल जाने से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई आसान हो जाएगी। केस लड़ने में उल्टा पैसा खर्च होगा। सीधे-साधे और गरीब परिजन तुरंत उनकी बातों को मान गए और मामला डेढ़-डेढ़ लाख रुपए के मुआवजे में तय हो गया।

मौके पर पहुंचा एसोसिएशन

मौके पर झारखंड कैटरर्स एसोसिएशन के सदस्य भी पहुंचे थे। बताया कि मृतकों के परिजनों को डेढ़ लाख रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि और मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से एसोसिएशन की बैठक होनी है।

क्या है मामला

नए साल के स्वागत में रांची के एक बड़े होटल में आयोजित पार्टी में खाना बना कर लौट रहे कैटरिंग पार्टी के सदस्यों पर एक बेकाबू कार ने कहर बरपाया था। दोस्तों के साथ मस्ती करने निकले युवक जतिन बेदी ने चुटिया थाना क्षेत्र के पटेल चौक के पास 31 दिसंबर की रात के 2 बजे अपने कार से 9 लोगों को रौंद दिया था। घटना में कैटरिंग के काम से जुड़े दो युवकों की मौत हो गई थी, जबकि 7 लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे।

नशे की कराई ही नहीं गई जांच

घायलों को इलाज के लिए रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घायलों में से कई की स्थिति बेहद नाजुक है। आरोपी जतिन सुखदेव नगर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था और कोर्ट में पेश भी किया, लेकिन न तो उसके नशे में होने की जांच कराई गई और न ही वाहन ब्रेक फेल होने की। पुलिस के इस लापरवाही से आरोपी युवक को खड़े-खड़े जमानत दे दी गई।

पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

दूसरी तरफ इस पूरे मामले में रांची पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। आमतौर पर एक्सीडेंट के केस में जमानती धारा लगती है, लेकिन नशे में वाहन चलाने पर ऐसा नहीं होता है। यहां पर पुलिस ने आरोपी का मेडिकल टेस्ट तो करवाया, लेकिन उसका नशे का जांच नहीं करवाया। कोर्ट में पेशी से पहले रांची सदर अस्पताल में आरोपी जतिन बेदी के स्वास्थ्य की जांच करवाई गई थी, लेकिन उसका ब्लड सैंपल जांच के लिए नहीं ले गया। जिसका फायदा कोर्ट में आरोपी को मिला और उसे कोर्ट में खड़े-खड़े जमानत दे दी।