रांची (ब्यूरो)। अरगोड़ा पिपर टोली के लोग इस बात को लेकर परेशान हैं कि 1950-60 में घर बनाकर रहना शुरू किया, उस वक्त नगर निगम अस्तित्व में ही नहीं था तो नक्शा कैसे बनवाते। यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि पिपर टोली में रहने वाले लोग ज्यादा रैयती हैं। काफी सालों से यहां रह रहे हैं। नगर निगम बगैर किसी जांच-पड़ताल के नोटिस भेज रहा है, जिससे लोगों में नगर निगम के प्रति आक्रोश है। पिपर टोली के लोगों का एक ग्रुप गुरुवार को नगर आयुक्त मुकेश कुमार से मिलने पहुंचा। लोगों ने नगर आयुक्त को अपनी पीड़ा से अवगत कराया। लोगों की पीड़ा सुनने के बाद नगर आयुक्त ने इसकी जांच कराने का आश्वासन दिया है।
खपरैल घरों को नोटिस
पिपरटोली के लोगों ने बताया नगर निगम बिना किसी आधार और बगैर जांच-पड़ताल किए नोटिस भेजने का काम किया है। कई ऐसे घरों को नोटिस भेजा गया है जो खपरैल हैं, जिन्हें नक्शे की कोई जरूरत ही नहीं। पक्का मकान, जी प्लस वन और इससे ऊंचे भवनों के लिए नक्शों की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन यहां झोपड़ी में रहने वालों को भी नोटिस दे दिया गया है। नगर निगम ने खपरैल घरों को अवैध निर्माण बताते हुए नोटिस भेजा है। जिससे कियहां के लोग बिफरे हुए हैं। नगर निगम के इस कार्य के विरोध में खुद पूर्व डिप्टी मेयर भी उतर आए हैं। पूर्व डिप्टी मेयर अजयनाथ शाहदेव ने कहा कि किसी भी हाल में नगर निगम को मनमानी करने नहीं दिया जाएगा।