रांची (ब्यूरो)। बाइपास सड़क फोर लेन होगी। इसके बन जाने से शहर पर ट्रैफिक लोड कम होगा। प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास किया है। 707 करोड़ की लागत से एनएच-33 रांची बाईपास फोरलेन का निर्माण किया जाएगा। इस बाईपास की लंबाई 26.27 किमी होगी। इस सड़क के बनने से रांची में ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। रांची से जमशेदपुर के बीच हाई स्पीड कनेक्टिविटी मिलेगी।

सिटी के लोगों को लाभ

रांची बाइपास विकास से रामपुर सड़क रांची रिंग रोड को भी जोड़ेगी। इसके बनने से रांची रिंग रोड करीब 86 किमी लंबा हो जाएगा। छह चरणों में पथ निर्माण विभाग ने रिंग रोड बनवाया था। यह हिस्सा विकास से रामपुर तक की सड़क को एनएच-33 से मिलाता है। 700 करोड़ की लागत से रामकृपाल कंस्ट्रक्शन ने इसका निर्माण कराया है। इससे रांची से जमशेदपुर जाने के लिए फोरलेन रास्ता मिल जाएगा। वहीं, रामगढ़ रोड भी जाना आसान होगा। कांटाटोली चौक होते हुए अब बड़े वाहनों के आवागमन की जरूरत नहीं होगी। यहां रोजाना जाम से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा।

आउटर रिंग रोड भी बनेगा

झारखंड के तीन राष्ट्रीय उच्च पथ को मिलाकर राजधानी रांची में आउटर रिंग रोड बनाया जाएगा। 160 किलोमीटर लंबा रिंग रोड बनाया जाएगा। रांची बाइपास के रूप में जोड़ा जाएगा। 160 किमी लंबा आउटर रिंग रोड का काम तीन फेज में होगा। पहले चरण में 48 किलोमीटर तक की सड़क बनाई जाएगी। आउटर रिंग रोड से ही पलामू, गढ़वा, गुमला और हजारीबाग को जोडऩेवाली सड़क से ही बड़ी गाडिय़ां गुजरेंगी। इनका प्रवेश रांची शहर में नहीं हो पाएगा।

80 किमी लंबा रिंग रोड बना

रांची शहर के बाहरी इलाकों में पूर्व से ही 80 किलोमीटर लंबा रिंग रोड बना है। यह रिंग रोड छह चरणों में बना है। हाल ही में विकास से लेकर टाटीसिलवे होते हुए नामकुम के रामपुर हाट तक की सड़क बन पाई है। यह रामपुर हाट, तुपुदाना, बालसिरिंग, हटिया डैम, रातू चौक, कांके और कांके से विकास तक जाएगी। इसके लिए राजधानी रांची में रिंग रोड के निर्माण में 10 वर्ष से अधिक का समय लगा है।

160 किमी होगा

रांची में जल्द ही आउटर रिंग रोड का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। सिक्स लेन बनने वाले आउटर रिंग रोड की लंबाई करीब 160 किलोमीटर होगी। पथ निर्माण विभाग ने इसका अलाइनमेंट तैयार कर लिया है। इसमें फ्लाईओवर और ब्रिज का भी निर्माण होगा। भारी वाहनों के खड़े होने के लिए सर्विस लेन भी होगी। आउटर रिंग रोड निर्माण के लिए केंद्र सरकार पहले ही सहमति दे चुकी है।

5 एनएच से जुड़ेगा

आउटर रिंग रोड को पांच नेशनल हाइवे से जोडऩे की योजना है। एनएच 57 मांडर के उकरीद से रिंग रोड बनना शुरू होगा। फि र इटकी, कालामाटी, नामकुम-अनगड़ा होते हुए यह एनएच 33 के ओरमांझी में टोल गेट के पास से गुजरेगा। आगे जाकर कांके से गुजरते हुए यह वापस मांडर में मिल जाएगा।

फस्र्ट फेज में 48 किमी बनेगा

आउटर रिंग रोड के सर्किल में पूरी राजधानी कवर हो जाएगी। पथ निर्माण विभाग ने आउटर रिंग रोड के निर्माण में करीब 6000 करोड़ रुपए खर्च का आकलन किया है। फिलहाल सड़क निर्माण कार्य एनएच से कराया जाएगा। जमीन अधिग्रहण भी जल्द शुरू होगा। वर्तमान में जो रिंग रोड है उसकी कुल लंबाई 86 किलोमीटर है। इससे अभी एनएच-75, एनएच 23 व एनएच 33 तीन एनएच जुड़े हुए हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, पहले चरण में आउटर रिंग रोड 48 किलोमीटर बनेगा। जबकि पूरे रोड की लंबाई 160 किलोमीटर रहेगी। अभी एनएच-33 यानी रांची-रामगढ़ रोड को एनएच-75 रांची-कुड़ू रोड से जोडऩे के लिए अलाइनमेंट बनवाया गया है। यह अलाइनमेंट तैयार हो चुका है।

10 किमी दूर बनेगा

वर्तमान रिंग रोड से आठ-दस किमी दूरी पर आउटर रिंग रोड का निर्माण कराने की योजना है। बता दें कि राजधानी में सिक्स लेन का रिंग रोड अभी बना हुआ है। इसकी शुरुआत रामपुर से तिलता-विकास-नेवरी होते हुए वापस रामपुर तक है। विकास से रामपुर तक का सड़क निर्माण अभी अंतिम चरण में हैं। इस सड़क के बनने से रांची की लाइफ बदल गई है। वाहनों का आवागमन काफी सुगम हुआ है। शहर के बाहर ही बाहर ही बड़े से छोटे वाहन गुजरते हैं, जिससे शहर को जाम से मुक्ति मिली है। हालांकि, अब शहर में बढ़ती भीड़, आवासीय व औद्योगिक गतिविधियों के कारण एक और रिंग रोड बनाने की जरूरत महसूस की गई।