रांची(ब्यूरो)। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून राज्य भर में समाप्त हो चुका है। इसके बाद भी रांची समेत पूरे राज्यभर में अच्छी बारिश हो रही है। पिछले चार दिनों से हुई बारिश से गर्मी में पानी की ङ्क्षचता अब दूर हो गई है। रांची के गोंदा और हटिया डैम खतरे के निशान पर पहुंच गए हैं। अच्छी बारिश अगर-अगले दो दिनों तक जारी रही तो गोंदा व हटिया डैम का फाटक खोलना पड़ सकता है। गोंदा डैम खतरे के निशान पर पहुंच गया है, जबकि हटिया डैम भी लगभग भर चुका है। इंच भर बारिश हुई तो हटिया डैम का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाएगा।

गोंदा डैम फाटक का खुला स्कोर वॉल्व

हटिया डैम की बात करें तो 4 अक्टूबर को पिछले साल की तुलना में सात फीट अधिक पानी का भंडारण हो गया है। पिछले साल 4 अक्टूबर को डैम का लेवल जहां 30.2 फीट पर था, वहीं इस साल 4 अक्टूबर को 37.10 फीट पानी का भंडारण हो गया है। गोंदा डैम में पिछले साल 4 अक्टूबर को 27.08 फीट भंडारण था, जबकि इस साल 4 अक्टूबर को पूरी क्षमता के अनुसार 28 फीट का भंडारण हो गया। अभी डैम का फाटक नहीं खोला गया है। जबकि पिछले वर्ष गोंदा डैम का पानी तीन बार खोला गया था। डैम में जलकुंभी जमा है। इसलिए केवल स्कोर वॉल्व खोलकर पानी बहाया जा रहा है, ताकि गंदगी और जलकुंभी निकल जाए। जबकि गेतलसूद डैम खतरे के निशान से महज दो फीट दूर है। वहीं, पिछले साल भी 4 अक्टूबर को 33.06 फीट जलस्तर था।

किस डैम से कहां होती है जलापूर्ति

हटिया डैम : हटिया डैम से प्रतिदिन 12 एमजीडी पानी की सप्लाई होती है। यह सप्लाई एचईसी कंपनी सहित धुर्वा, हटिया, बिरसा चौक, एचईसी आवासीय परिसर, हवाई नगर, शुक्ला कालोनी, डोरंडा, हिनू सहित आसपास के क्षेत्रों में होती है।

गोंदा डैम : गोंदा डैम से कांके रोड, रिनपास, बीएयू व आसपास के क्षेत्रों में 4 एमजीडी प्रतिदिन पानी की आपूर्ति होती है।

गेतलसूद डैम : राजधानी के अधिकतर क्षेत्रों में गेतलसूद डैम से पीने का पानी सप्लाई होता है। गेतलसूद डैम से रोजाना लगभग 35 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है। राजधानी के बूटी, इरबा, बरियातू, एमईएस नामकुम, एमईएस दीपा टोली, लोवाडीह, कांटाटोली, बहुबाजार, चुटिया, चर्च रोड, स्टेशन रोड, सिरमटोली, रातू रोड, पिस्का मोड़, हरमू चापू टोली, डीबडीह, कृष्णापुरी, पुदांग, अशोक नगर, हरमू, मधुकम, किशोर गंज, लालपुर, करम टोली, मोरहाबादी, पिस्का मोड़, पहाड़ी मंदिर समेत आसपास के क्षेत्रों में आपूर्ति होती है।

जानें डैमों का वाटर लेवल

डैम 1 अक्टूबर 4 अक्टूबर क्षमता

रुक्का 30 34 36

हटिया 28 37.10 38

कांके 24 28 28

(नोट : डैम की क्षमता फीट में दी गई है )

क्या कहते हैं अधिकारी

जल संकट को लेकर पूरा विभाग ङ्क्षचतित था, पर चार दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश से जल संकट की समस्या लगभग दूर हो गई है। गोंदा व हटिया डैम खतरे के निशान पर पहुंच गया है। जबकि गेतलसूद डैम खतरे के निशान से कुछ फीट दूर है।

-- चंद्रशेखर कुमार, ईई, बूटी जलागार, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग