रांची: अब रांची का डीसी ऑफिस भी पेपरलेस होगा। फाइल के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। समाहरणालय को पेपरलेस बनाने की तैयारी चल रही है। एडिशनल कलेक्टर को इसका नोडल बनाया गया है। ई-ऑफिस में काम करने वाले लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के लिए कर्मचारियों का चयन भी कर लिया गया है। दो महीने में इस पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इसको लेकर हर विभाग के डाटा कलेक्ट किए जा रहे हैं।

हर विभाग से एक स्टाफ

ई-ऑफिस को पूरी तरह से लागू करने के लिए हर विभाग से एक कर्मचारी का चयन किया जा रहा है। वो कर्मचारी नोडल होगा, उसको ट्रेनिंग दी जाएगी, उस विभाग में दूसरे विभाग से जो भी फाइल आएगी, उसे किस संबंधित अधिकारी को भेजा जाएगा, यह जिम्मेवारी भी उसी की होगी। एक डेडिकेटेड कंप्यूटर और लाइन होगी, जो सिफर् ई-ऑफिस के लिए ही काम करेगा। चयनित कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

सीओ ऑफिस भी कनेक्ट होगा

पेपरलेस होने के बाद जिले के सभी प्रखंड, अंचल कार्यालयों को भी ई-ऑफि स से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में डीसी ऑफि स या अन्य ऑफिस से कागजात मेल या मैन्युअल भेजा जा रहा है। लेकिन ई-ऑफि स बनने के बाद मैन्युअल कार्य हो जाएगा। सरकारी कार्यालयों में आने वाले डाक और फ ाइल का मूवमेंट भी ऑनलाइन होगा। डीसी ऑफि स से प्रखंड, अंचल या अन्य ऑफि स को कोई पत्र या डॉक्यूमेंट भेजना है, तो उसे स्कैन कर भेजा जाएगा। ऐसे में जिला से लेकर ब्लॉक तक अफसर को पता रहेगा कि कब कौन सा पत्र आया या फाइल आई।

फ‌र्स्ट फेज में डीसी ऑफिस से शुरुआत

फ‌र्स्ट फेज में समाहरणालय स्थित सभी कार्यालय को ई.ऑफिस परियोजना से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में डाक व्यवस्था को ई-ऑफि स परियोजना के तहत सिमडेगा, रामगढ़ और खूंटी जिला ने शुरू की है। ई-ऑफिस शुरू करने के लिए सभी संबंधित कर्मियों और अफसरों का लॉगइन आईडी बनाया जाएगा। डीसी ऑफिस, एसी ऑफिस, एसडीओ ऑफिस को पहले फेज में पेपरलेस बनाया जाएगा। उसके बाद रांची जिले में जितने भी अंचल और प्रखंड कार्यालय हैं, उनको इससे कनेक्ट किया जाएगा।

मास्टर ट्रेनर देंगे ट्रेनिंग

मास्टर ट्रेनर द्वारा ई-ऑफिस के बारे में सभी कर्मचारियो को ट्रेनिंग दी जाएगी। पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभाग द्वारा किए जा रहे कायरें को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सरल बनाने के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। साथ ही ई-ऑफि स से संबंधित लाइव डेमांस्ट्रेशन दिया जाएगा, जिसमें सभी विभाग के पदाधिकारी, प्रधान लिपिक एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर्स भाग लेंगे। इस ट्रेनिंग में कर्मचारियों को बताया जाएगा कि कैसे पेपरलेस काम करना है।

तय समय सीमा में होगा काम

अभी कोई सर्टिफिकेट बनाने से लेकर सभी सरकारी काम को पूरा करने में कितना समय लग रहा है, यह किसी को पता नहीं रहता है। एक जगह से दूसरी जगह फाइल भेजने में ही महीनों का समय लग जाता है। लेकिन अब ई-ऑफिस सेवा शुरू होने के बाद राइट टू सर्विस एक्ट के तहत जिस काम के लिए जितने दिन का समय निश्चित किया गया है, उसी के अंदर काम पूरा होगा। अगर किसी अधिकारी के पास फाइल अप्रूवल के लिए गई हुई है तो उसे बताना होगा कि वह कितने दिनों में फ ाइल भेजेगा और अगर आवेदन सही नही होगा तो उसे रिजेक्ट भी तुरंत करना होगा, या उसमें रिमा‌र्क्स लिखकर वापस भेजना होगा।