RANCHI:बाजार को वापस ट्रैक पर लाने के लिए कुछ प्रयास सरकार को भी करने होंगे और कुछ व्यवसाय जगत खुद करेगा। अभी व्यवसायी लॉकडाउन (स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत पाबंदियों) के तहत पूरी तरह से ठप बैठे हैं। ऐसे में दोबारा बाजार खुल भी जाते हैं, तो उन्हें एक साथ कई मोर्चो पर चुनौतियां झेलनी पड़ेंगी। इसके लिए सरकार को भी सोचना चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में व्यवसाय भी बूस्ट-अप हो और राजस्व के नुकसान की भरपाई भी होती रहे। ऐसे ही कई विचार रविवार को 'दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट' की ओर से आयोजित ऑनलाइन राउंड टेबल मीट में उभर कर सामने आए। रांची कॉलिंग के तहत आयोजित इस मीट में फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा, झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्री एसोसिएशन (जेसिया) के पूर्व अध्यक्ष दीपक मारू, झारखंड वस्त्र थोक विक्त्रेता संघ के अध्यक्ष प्रकाश अरोड़ा तथा फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) के झारखंड प्रदेश महासचिव अधिवक्ता दीपेश निराला ने अपने-अपने विचार रखे।

समीक्षा कर अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो

फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीन जैन छाबड़ा ने कहा कि सरकार अब हर जिले की समीक्षा के बाद कुछ शतरें के साथ अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू करे। थर्ड वेव आने की बात की जा रही है, इसलिए जरूरी है कि अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन करा दिया जाए, ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके। इससे व्यापार सुगम होगा। इसके साथ ही सरकार अपनी योजनाओं को शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में शुरू करे, ताकि लोग वहां काम करें, उनके पास पैसा आए, जिससे वह अपनी जीविका चला सकें। जब लोगों के पास पैसा आएगा, तभी व्यवसाय भी चलेगा। इस समय जब सभी लोग परेशान हैं, तो राज्य सरकार व्यवसायियों के लिए एक योजना बना दे कि राज्य में जो भी प्रोडक्शन होता है, उसकी खरीदारी राज्य सरकार जरूर करेगी। इससे प्रोडक्शन भी बढ़ेगा। प्रोडक्शन बढ़ाने से लोगों को रोजगार मिलेगा। यह तभी संभव है, जब लोकल प्रोडक्ट को सरकार प्राथमिकता के आधार पर खरीदेगी। इससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसका लाभ व्यवसायियों को मिलेगा। जितने दिन तक व्यवसाय बंद रहा है, बिजली का फिक्स मीटर चार्ज, होल्डिंग टैक्स माफ हो।

सरकार को आगे आना होगा

झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्री एसोसिएशन (जेसिया) के पूर्व अध्यक्ष दीपक मारू बताते हैं कि अब व्यवसाय को पटरी पर लाने के लिए सरकार को आगे आना होगा। अप्रैल मई और जून तीन महीने का लोन पर जो इंटरेस्ट बैंक ले रहे हैं, उसे माफ किया जाना चाहिए, क्योंकि इन तीन महीनों में कोई भी काम नहीं हुआ है, सिर्फ खर्च किया जा रहा है। इन तीन महीनों के दौरान यदि कोई कंपनी एनपीए होती है, तो उसका डेट बढ़ा दिया जाए, क्योंकि तीन महीने में एमएसएमई लेवल की कंपनियों ने कोई काम नहीं किया है। अगर उन्होंने बैंकों को पैसा नहीं दिया है तो उनको मौका दिया जाए। सरकार व्यवसायियों के लिए यह तय कर दे कि जो भी गवर्नमेंट और बड़े इंडस्ट्री हैं, जिनको छोटी यूनिट प्रोडक्ट सप्लाई करती हैं, उनको 45 दिन के अंदर पेमेंट मिल जाएगा। ताकि वह अपना काम ठीक से कर सकें। राज्य में जो प्रोडक्ट का उत्पादन किया जा रहा है, उसको लेने पर प्राथमिकता से काम करें, ताकि यहां के लोगों को रोजगार भी मिले और व्यवसायियों का काम भी आगे बढ़े। इस तीन महीने में जो व्यापार नहीं हुआ है, उसके लिए जितना भी लाइसेंस और सर्टिफिकेट का काम है उसे तीन महीने का टेन्योर बढ़ा दिया जाए, ताकि दुकान खोलने के बाद सरकार के अधिकारी लाइसेंस और कागज के लिए व्यापारियों को परेशान न करें।

अब अनलॉक की अनुमति मिलनी चाहिए

झारखंड वस्त्र थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष प्रकाश अरोड़ा बताते हैं कि पिछले दो साल से यह इंडस्ट्री काफी बुरे दौर से गुजर रही है। पिछले साल भी मार्च महीने में ही लॉकडाउन लग गया था और इस साल भी मार्च और अप्रैल के महीने से ही व्यापार ठप है। वस्त्र उद्योग के लिए मार्च महीने से लेकर जून तक में ही 60 परसेंट का बाजार होता है। अब यह सीजन निकल चुका है। ऐसे ही सभी लोगों का स्टॉक पिछले साल से ही पड़ा हुआ है। अब सरकार कुछ शतरें के साथ इस सेक्टर को खोलने की अनुमति दे। ऐसा नहीं कि सरकार कंप्लीट खोलने की अनुमति दे, बल्कि कुछ समय तक और कुछ शर्तो तक इसे खोलने का निर्देश देना चाहिए। इस सेक्टर में काम करने वाले हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। जो बड़े लोग हैं, वह अपने कर्मचारियों को घर बैठा कर सैलेरी दे रहे हैं। लेकिन, छोटे दुकानदार अपने कर्मचारियों को सैलेरी भी नहीं दे पा रहे हैं। इसे खोल दिया जाए, ताकि सभी लोगों को रोजगार मिल सके।

टैक्स माफी की दिशा में उठे कदम

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) के झारखंड प्रदेश महासचिव अधिवक्ता दीपेश कुमार निराला बताते हैं कि सरकार ने जितने दिन तक लॉकडाउन किया है, उस दौरान का व्यवसायियों को बिजली बिल, होल्डिंग टैक्स, लोन पर ब्याज माफ करना चाहिए, ताकि उनको फिर से व्यवसाय को शुरू करने में मदद मिले। राज्य सरकार डीजल पर वैट को भी कम करने पर विचार करे। डीजल की कीमतें बढ़ी हुई हैं, जिससे पूरा मार्केट प्रभावित होता है। साथ ही हर तरह के सामान महंगे होते हैं। ट्रांसपोर्ट महंगा हो रहा है। सामानों के दाम बढ़ रहे हैं। अगर सरकार वैट कम करती है, तो ट्रांसपोर्टेशन का रेट कम होगा और सामानों के दाम भी कम होंगे। श्री निराला ने यह भी कहा कि सरकार की जो भी लाइसेंस है, उसमें थोड़ा चेंज करने की जरूरत है। कई सारे सरकारी लाइसेंस और सर्टिफिकेट के लिए समय सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए।

ये सुझाव आए

1. मार्केट को धीरे-धीरे खोलने पर विचार हो।

2. लैप्स लाइसेंस की अवधि को छह महीने बढ़ाया जाए।

3. इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रिक कनेक्शन पर फिक्स्ड चार्ज माफ किया जाए।

4. लोकल प्रोडक्ट्स को सरकार खरीदे और रोजगार के अवसर बढ़ाए।

5. छोटे-छोटे उद्योगों से सरकार ने जितनी चीजें खरीदी हैं, उनका पेमेंट तुरंत हो।

6. सरकार बैंकों से ऋण पर ब्याज न लेने को कहे, ताकि व्यवसाय फिर से चले।

7. नगर निगम व्यावसायिक परिसर का तीन महीने का होल्डिंग टैक्स माफ करे।

8. डीजल पर लागू वैट की दर को कम करने पर भी सरकार विचार करे।

9. हर तरह के सर्टिफिकेट का टेन्योर बढ़ा दिया जाए, ताकि अधिकारी परेशान न करें।

10. वैक्सीनेशन में तेजी लाते हुए हर जिले में ज्यादा से ज्यादा टीके दिए जाएं।