रांची(ब्यूरो)। रांची के तीनों डैम से शहर के लोगों के घरों में पानी की सप्लाई तो होती है, लेकिन गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। शहर के रुक्का, हटिया व गोंदा तीन डैम से पानी की सप्लाई पूरे शहर को की जाती है। इसमें से गोंदा डैम से जिन इलाकों में पानी की सप्लाई होती है, वहां के लोगों को गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। लोग बार-बार शिकायत तो कर रहे हैं, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि तीनों डैम के पानी को साफ करने के लिए करोड़ों रुपए विभाग द्वारा खर्च किए जाते हैं।

मधुकम में सबसे गंदा पानी

शहर में बहुत सारे लोग इसी गंदे पानी को पीने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। मधुकम की रहने वाले राजेश कुमार ने बताया कि पाइपलाइन बिछाई गई है। लेकिन घरों तक कनेक्शन नहीं आया है। रोड में प्वाइंट लगा दिया गया है, जिससे मोहल्ले के लोग पानी भरते हैं। बीते कुछ दिनों से लगातार गंदा पानी आ रहा है, सप्लाई नल के जरिए गंदा पानी लोगों के घरों में भी पहुंच रहा है। मजबूरन लोग इधर-उधर से पानी के जुगाड़ में दौड़ रहे हैं। पीने के लिए लोक पानी खरीद रहे हैं।

टैक्स लेता है निगम

रांची नगर निगम पानी पर भी टैक्स लेता है। होल्डिंग टैक्स के अलावा पानी का शुल्क निगम अलग से लेता है। जिन घरों में पानी का कनेक्शन लिया गया है। वहां एक वाटर मीटर भी लगाया गया है, इसी मीटर की रीडिंग के आधार पर नगर निगम वाटर यूजर चार्ज लेता है। नगर निगम आम लोगों से अलग-अलग टैक्स की वसूली करता है लेकिन उस अनुसार सुविधा मुहैया नहीं कराता।

वाटर टैंकर पर निर्भर

शहर के कई ऐसे इलाके हैं, जहां लोग सप्लाई और नगर निगम से आने वाले वाटर टैंकर पर ही आश्रित हैं। लेकिन सप्लाई में गंदा पानी आ रहा है। शहर में सबसे अधिक मधुकम, इंद्रपुरी, कटहल मोड़, गोंदा, देवी मंडप इलाके में गंदे पानी की सप्लाई होने से जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है।

बदबूदार पानी

बरियातू स्थित डॉक्टर कॉलोनी हो या लालपुर या फि र रातू रोड का इलाका, हर जगह गंदे पानी की सप्लाई होने की लगातार शिकायतें आ रही हैं। पानी सिर्फ गंदा नहीं, बल्कि बदबूदार भी है। ऐसा लगता है कि यह किसी फिल्टर प्लांट से नहीं बल्कि नाले से सप्लाई हो रहा है। लालपुर इलाके में भी रहने वाले लोगों की यही पीड़ा है। लोगों का कहना है कि गंदा पानी आ रहा है। वहीं रातू रोड के अलग-अलग इलाके में भी लगातार गंदा पानी सप्लाई हो रहा है।

पानी की सफाई पर करोड़ों खर्च

रांची मे रुक्का, गोंदा व हटिया डैम के पानी को साफ करने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा हर साल करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है। विभाग द्वारा फिल्ट्रेशन प्लांट भी सभी डैम में लगाया गया है । इसके अलावा फिटकरी और चूना पत्थर भी डालकर डैम को साफ करने के लिए हर साल टेंडर निकाला जाता है। इतनी सारी व्यवस्थाएं होने के बावजूद शहर के लोगों को गंदा पानी मिल रहा है। राज्य बनने के 23 साल बाद भी रांची के लोगों को गंदा पानी इस्तेमाल करने को मजबूत होना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई जगहों पर बीच-बीच में पाइप फट जाती है, जिसके कारण लोगों के घरों में गंदा पानी सप्लाई होने लगता है। सड़क किनारे पाइप फटने की वजह से वहां जब सप्लाई होती है तो उस पाइप में आसपास की गंदगी पाइप के अंदर आ जाती है और वही पानी लोगों के घरों में सप्लाई होने लगता है। जब तक विभाग को पता चलता है कि कहां पाइपलाइन फटी है तब तक लोगों के घरों में गंदा पानी पहुंचता रहता है। जब पाइपलाइन बड़े लेवल पर फटती है तो वहां तत्काल उसको ठीक कर दिया जाता है, लेकिन सप्लाई के दौरान कई जगह लिकेज से थोड़ा-थोड़ा पानी बाहर फेंकता रहता है और उसी से गंदगी पाइपलाइन के अंदर पहुंचती है।

नाले में सप्लाई पाइपलाइन

डैम से लोगों के घरों तक जो सप्लाई वाटर की पाइपलाइन जा रही है वो नाले के किनारे या अंदर से होकर गुजर रही है। नाली का पानी गंदा होने की वजह से पाइप फटने के बाद वह पानी पाइप के अंदर चला जाता है, जिसके कारण भी लोगों के घरों में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है।

डैम में ही फेंक रहे गंदगी

रांची शहर में सबसे अधिक गंदा पानी गोंदा डैम से सप्लाई हो रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि यह डैम शहर के बीचोंबीच स्थित है। इस डैम के किनारे लाखों लोगों की आबादी बसी हुई है, बहुत सारे लोगों के घरों का गंदा पानी इसी डैम में निकलता है। इसके साथ ही डैम किनारे रहने वाले लोग घर की गंदगी भी इसी डैम मे फेंक देते हैं। इस वजह से यहां का पानी और गंदा हो जाता है।