रांची (ब्यूरो): रांची वीमेंस कालेज की प्राचार्या डा शमशुन नेहार के निर्देश पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई 01 की प्रोग्राम अफसर डा कुमारी उर्वशी ने स्वच्छता एवं ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान को ले कालेज परिसर में स्वच्छता अभियान एवं रैली का आयोजन किया। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के माध्यम से पूरे देश में 01 से 31 अक्टूबर तक स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है।

कॉलेज परिसर में सफाई

अभियान को गति प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा आहूत इस कार्यक्रम में एनएसएस इकाई 01 की कार्यकर्ताओं ने अपने कालेज परिसर को स्वच्छ किया। स्वच्छता अभियान में ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक को एकत्रित किया गया। ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक का मतलब ऐसे प्लास्टिक से है जिन्हें हम सिर्फ एक बार इस्तेमाल करके फेंक देते हैं। जैसे डिस्पोजल ग्लास, प्लेट््स, चम्मच, वाटर बोतल, पालीबैग्स, सब्जी की दुकान से मिलने वाली पालीथिन आदि ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक हैं जिनका उपयोग नहीं करना चाहिए।

थैला लेकर जाएं बाजार

प्राचार्या ने कहा कि हमें बाजार जाते समय घर से कैरी बैग या झोला लेकर जाना चाहिए। ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक हैं। ऐसे प्लास्टिक न तो डिकम्पोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है। इनके टुकड़े पर्यावरण में जहरीले रसायन छोड़ते हैं, जो इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक होते हैं। इसके अलावा, ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक का कचरा बारिश के पानी को जमीन के नीचे जाने से रोकता है, जिससे ग्राउंड टर लेवल में कमी आती है। स्वच्छता अभियान एवं रैली में 25 कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

इस दीवाली जलाएं प्रेम और ज्ञान का दीपक

इस दीवाली सभी प्रेम और ज्ञान का दीपक जलाएं। दीपावली का अर्थ अक्सर सब यही लगाते हैं की घर में खूब रोशनी करनी है, घर की सफाई करनी है और खाना और खिलाना है, लेकिन श्री राम के 14 वर्ष के बाद वनवास से वापस लौटने की खुशी में इस त्योहार को मनाया गया था। प्रवचन के दौरान ये बातें श्री कृष्ण प्रणामी सेवा समिति के संस्थापक एवं संरक्षक संत शिरोमणी श्रीश्री 108 स्वामी सदानंद जी महाराज ने कहीं। वे बुधवार को रांची में थे और भक्तों को कथा का रसपान करा रहे थे। उन्होंने कहा कि दिवाली का असली अर्थ और आनंद आज कहीं खो सा गया है। लोगों ने इस त्यौहार को सिर्फ अर्थ उपार्जन का त्यौहार बना दिया है। गुरुजी ने कहा कि दीवाली में हम सब अपने घर मे लाइट और दीपक से खूब रोशनी करते हैं पर अपने अंदर जो क्रोध, ईर्षा और द्वेष रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञान की रौशनी करना भूल जाते हैैं। इस दीपावली हम सभी को अपने अंदर ज्ञान का दीप जरूर जलाना चाहिए।