>Ranchi : गुरुवार की दोपहर ख्.फ्0 बजे तारा शाहदेव मामले के मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन और उसकी मां कौशल रानी को सीजेएम नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में प्रस्तुत किया गया। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों को पुलिस कस्टडी में होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया। पुलिस को डर था कि तारा के समर्थक दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए उनके साथ दो सेक्शन फोर्स व जैप के जवान भी जेल परिसर तक एस्कॉर्ट करते हुए गए।

जेल में मायूस था रंजीत

जेल में जैसे ही वहां के मोहरी ने रंजीत सिंह कोहली के हाथ पर ठप्पा लगाया, वैसी ही रंजीत की आंखों में आंसू आ गए। वह हाथ में ठप्पा लेकर और जरूरत के कपड़ों को लेकर अंदर चला गया। गुरुवार को आमद वार्ड में अन्य कैदी भी गए थे। वे भी रंजीत सिंह कोहली को देख रहे थे। कुछ बंदी उससे कुछ पूछना चाह रहे थे, लेकिन वह किसी को कुछ जवाब नहीं दे रहा था। वह बस सिर नीचे करके जमीन को निहार रहा था। आलीशान पलंग पर सोनेवाला व्यक्ति सीमेंट की बनी स्लेट पर सो रहा था, पर उसकी आंखों से नींद गायब थी। शाम को जेल प्रशासन के डॉक्टर्स ने रंजीत की मां का चेकअप किया। चेकअप के बाद उन्हें महिला वार्ड में भेज दिया गया। साथ गए काराकर्मियों ने महिला वार्ड की वार्डेन को विशेष तौर पर महिला बुजुर्ग को दवा आदि खिलाकर आराम करवाने के ि1लए कहा।

जेल के आमद वार्ड में रखा गया है रंजीत को

रंजीत सिंह कोहली को जेल के आमद वार्ड में रखा गया है। इस वार्ड में वैसे बंदी रहते हैं, जो कोर्ट से आते हैं। दूसरे दिन यह निर्णय लिया जाता है कि आरोपी को किस वार्ड में शिफ्ट करना है। वहीं, रंजीत की मां कौशल रानी को महिला वार्ड में भेजा गया है। आमद वार्ड में रखने से पूर्व जेल के डॉक्टर्स ने दोनों का रूटीन चेकअप भ्ाी किया।

जेल पहुंचने पर कैदियों में कौतूहल

दोपहर करीब तीन बजे रंजीत सिंह कोहली और उसकी मां जैसे ही होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल पहुंचे, वैसे ही कारा में तैनात संतरी से लेकर कैदी तक उन्हें देखते रहे। दोनों को देखने के लिए वहां भीड़ जुट गई। जेलर नरेंद्र सिंह ने वहां से सभी को हटाया।