रांची (ब्यूरो): पार्क का संचालन करने के लिए नगर निगम ने टेंडर के माध्यम से निजी हाथों को सौंप दिया है, लेकिन संचालक के नाम पर पार्क का टेंडर लेने वाले ही यहां होटल, कैफे और रेस्टोरेंट खोल कर अवैध कमाई कर रहे हैं। लोगों के घूमने, फिरने और मनोरंजन के उद्देश्य से बने इन पार्कों को बनाया गया है, लेकिन ठेकेदार इन पार्कों में रेस्टोरेंट खोलकर मोटी कमाई कर रहे हैैं, मोरहाबादी का चिल्ड्रेन पार्क हो या हरमू रोड का पटेल पार्क, या फिर डिस्टलरी पूल के समीप बने स्वामी विवेकानंद पार्क लगभग सभी जगह रेस्टोरेंट या कैफे का अवैध निर्माण करा दिया गया है।

देर रात होती है पार्टी

निगम पार्क को वैसे तो नियमत: छह से सात बजे तक बंद कर देना है, लेकिन रेस्टोरेंट बनने के बाद से ही इन पार्कों में देर शाम तक महफिल सजने लगी है। कपल्स और फ्रेंड्स गु्रप इस स्थान पर आकर लेट नाइट पार्टी करते हैैं, जिससे इन पार्कों में आने वाले लोग खुद को असहज महसूस करने लगे हैं। पार्क में पार्टी के दौरान तेज आवाज में गाने भी बजते हैं, जिससे बुजुर्गों को परेशानी होती है। धीरे-धीरे आम लोग निगम पार्क में जाने से बच रहे हैं। लोगों का कहना है पार्क को भी अय्यासी का अड्डा बना दिया गया है। यहां अब बच्चों को लेकर आने में भी ठीक नहीं लगता।

चल रहा है रेस्टोरेंट

मोरहाबादी मैदान के पास बच्चों के लिए बनाए गए चिल्ड्रेन पार्क में पहले सैकड़ों बच्चे मस्ती करने आते थे, लेकिन जब से यहां रेस्टोरेंट खुलने के बाद पेरेंट्स अपने बच्चों को यहां लेकर नहीं आ रहे हैैं। इस पार्क के ठेकेदार ने अवैध रूप से पार्क के अंदर करीब आधे एरिया में ओपन रेस्टोरेंट बना दिया है।

गंजेडिय़ों का जमावड़ा

कोकर डिस्टिलरी पूल के पास आम लोगों के समय बिताने और बच्चों के मनोरंजन के लिए स्वामी विवेकानंद पार्क बनवाया गया था। कुछ ही दिनों बाद पार्क बंद हो गया। अब इस स्थान पर जुआरी, शराबी और गंजेडिय़ों का जमावड़ा लगता है। वहीं इन दिनो पार्क कैंपस में ही कैफे खोल दिया गया है। साथ ही छोटे-छोटे कोटेज बना कर रेस्टोरेंट का रूप दे दिया गया है। हरमू रोड स्थित पटेल पार्क का भी यही हाल है। यहां भी पार्क के बीचोबीच रेस्टोरेंट खोल दिया गया है।

ठेकेदारों ने नहीं की बात

इस संबंध में पार्क के संचालकों से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी पार्क के ठेकेदार ने बात नहीं की। यहां काम करने वाले कर्मचारियों ने भी कुछ भी कहने से मना कर दिया।

चाय-कॉफी और स्नेक्स के लिए छोटा-मोटा काउंटर खोला जा सकता है, लेकिन रेस्टोरेंट खोलने का परमिशन नहीं है। एकरारनामे की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर, आरएमसी