हाइकोर्ट के आदेश की परवाह नहीं
बैठक में नर्सो ने एक स्वर में कहा कि रिम्स में नर्सो के कई पद खाली हैं। लेकिन उस पर नियुक्ति की प्रक्रिया नहीं की जा रही है। वहीं पद सृजन, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति, चिकित्सा प्रतिभूति का लाभ, एम्स की तर्ज पर वेतन आदि मांगों को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ ही डायरेक्टर को भी पत्र लिखा गया है। लेकिन आजतक एसोसिएशन को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके अलावा तीन साल से ज्यादा समय होने के बावजूद सेवा संपुष्टि नहीं किए जाने से वे आक्रोशित हैं। हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी आजतक 08 नर्सो की सेवा स्थाई नहीं की गई है।

काम का प्रेशर कर रहा बीमार
नर्सो ने कहा कि मरीजों की तुलना में नर्सो की संख्या काफी कम है। इस वजह से उनपर काम का बोझ काफी बढ़ गया है। कई नर्सो की गंभीर बीमारी के कारण मौत भी हो गई। वहीं अधिकतर नर्सो को बीमारियों ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसके अलावा सुसन्ना तिर्की और रीता दत्ता के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियु्क्ति नहीं किए जाने से आश्रितों को परेशानी हो रही है। वहीं, विभा कुमारी नर्स के इलाज में भी मेडिकल का लाभ नहीं दिया गया।