रांची (ब्यूरो): सडक़ की स्थिति खराब हो चुकी है। बाइकर्स लापरवाही से बाइक चला रहे हैं। सबसे अधिक हादसा नशा और तेज रफ्तार की वजह से हो रही है। पुलिस सडक़ हादसा को रोकने के लिए ड्रंक एंड ड्राइव अभियान चलाकर कार्रवाई करती थी। लेकिन यह अभियान भी बंद है। वहीं ट्रक और हेवी व्हीकल्स वालों की रफ्तार इतनी रहती है कि खुद को नहीं संभाले तो हादसे का शिकार हो जाएंगे।

आंकड़ों पर एक नजर

जिला प्रशासन के आंकड़ा के अनुसार इस वर्ष एक जनवरी से लेकर 30 सितंबर तक 273 दिन में 327 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें कई लोग ऐसे शामिल हैं जिनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। उन्हें अस्पताल जाने का मौका भी नहीं मिल पाया। शहर के हर इलाके में पीसीआर को तैनात किया गया है। इसके बाद भी लापरवाह चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। पुलिस के सामने से लोग तेज गति से वाहन लेकिन निकल जाते हैं और पुलिस देखते रहती है। चौक चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी उन्हें पकडऩे का भी प्रयास नहीं करते हैं। पुलिस के जवान चाह जाए तो लापरवाह चालकों को आसानी से पकड़ सकते हैं लेकिन पुलिस कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती है।

ठोस कदम नहीं

शहर में कई जगहों को ब्लैक स्पाट चिन्हित किया गया है। इसमें मुख्य रुप से खेलगांव,तुपुदाना,बिरसा चौक,बरियातू रोड़ बीआईटी,रातू समेत कई इलाके हैं। इसके बाद भी इन ब्लैक स्पाट पर लोगों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है। खेलगांव में हर दिन सडक़ दुर्घटना होती है। ट्रक पलट जाता है। कई बसें दुर्घटना गस्त हो चुकी है। लोगों की जान जा रही है लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।

339 गंभीर रूप से जख्मी

राजधानी में वर्ष 2021 में 448 लोगों की सडक़ दुर्घटना में मौत हुई थी। इसके अलावा 339 लोग गंभीर रुप से जख्मी हुए थे। इसमें कई लोगों के शरीर का अंग काटना पड़ा था। जनवरी से लेकर दिसंबर तक 644 सडक़ दुर्घटना हुई थी। हर माह दुर्घटनाएं बढ़ते जा रही है। लोगों की जान जा रही है लेकिन इसपर बोलने के लिए कोई भी अधिकारी तैयार नहीं है। सडक़ दुर्घटना में ज्यादातर युवकों की जान जा रही है।

विधानसभा और मोरहाबादी के पास स्टंट

विधानसभा और मोरहाबादी में हर दिन बाइकर्स स्टंट करते हैं। इसकी जानकारी पुलिस को भी है। लेकिन बाइकर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। कई बाइकर्स पूरे शहर में आसानी से स्टंट करते हुए घूमते हैं। लेकिन पुलिस उन्हें पकडऩे का प्रयास भी नहीं करती है। पुलिस के अनुसार दिसंबर और जनवरी माह में सडक़ दुर्घटनाएं बढ़ जाती है। इसके बाद भी इन दोनों माह में पुलिस की कोई विशेष तैयारी नहीं होती है।

जनवरी से सितंबर 2022 तक के आंकड़े

जनवरी में 61 हादसे, 51 मौत

फरवरी में 46 हादसे, 32 मौत

मार्च में 54 हादसे, 37 मौत

अप्रैल में 51 हादसे, 36 मौत

मई में 57 हादसे, 45 मौत

जून में 52 हादसे, 28 मौत

जुलाई में 61 हादसे, 46 मौत

अगस्त में 58 हादसे, 34 मौत

सितंबर में 51 हादसे, 18 मौते

2021 के आंकड़े भी डरानेवाले

माह हादसे मौत घायल

जनवरी 58 44 30

फरवरी 45 32 13

मार्च 70 42 35

अप्रैल 35 23 21

मई 49 36 27

जून 30 25 11

जुलाई 52 36 25

अगस्त 60 33 33

सितंबर 48 33 21

अक्टूबर 62 46 37

नवंबर 60 46 29

दिसंबर 75 52 35

रोड़ सेफ्टी कमेटी की बैठक नियमित अंतराल पर हो रही है। इस दौरान सडक़ सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। कई जगहों पर इसे लागू किया गया है। इस वजह से सडक़ दुर्घटना में कमी आई है। जिस जगह पर कमी है उसे दूर किया जाएगा।

प्रवीण प्रकाश, जिला परिवहन पदाधिकारी रांची