RANCHI : कहने को तो आप राजधानी में रहते हैं लेकिन यहां की मूलभूत जरूरत देख कर ऐसा नहीं लगेगा की आप राजधानी में रह रहे हैं। सड़क जो किसी भी शहर के विकास को दर्शाने का काम करती है। जब उसी को कबाड़ बना दिया जाए तो इसे कैसा डेवलपमेंट कहेंगे। जी हां, रांची की सड़कों में इन दिनों ऐसा ही दिख रहा है। शहर के कई रोड पर बडे-बडे गढ्डे कर छोड़ दिया गया है। रातू रोड हो, किशोरी यादव चौक हो, हरिहर सिंह रोड हो या अन्य कोई स्थान हर जगह की सड़कों को खोदकर बर्बाद कर दिया गया है। विभागों में तालमेल न होने से ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो रही है। कहीं इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने सड़क खोद रखा है तो कहीं पीएचईडी की ओर से रोड की खुदाई की गई है। इन सबके बीच परेशानी आम पब्लिक को हो रही है। बीच सड़क में खुदाई के कारण आने-जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

रातू रोड चौक

रातू रोड चौक के समीप बड़ा सा गढ्डा कर दिया गया है। हफ्ते भर से इसे ऐसे ही छोड़ दिया गया है। जिससे आने -जाने में लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। रातू रोड चौक काफी भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र है। यहां छोटी-बड़ी गाडि़यों के अलावा पैदल भी आवागमन रहता है। ऐसे में इतने व्यस्त स्थान पर गढ्डा कर यू हीं छोड़ देना प्रशासन की लापरवाही दर्शाता है। यहां कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। रात के वक्त खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।

किशोरी यादव चौक

कचहरी की ओर बढ़ने पर किशोरी यादव चौक के समीप भी ऐसा ही एक बड़ा गढ्डा कर छोड़ दिया गया है। यह भी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है। सड़क की चौड़ाई पहले से कम है, ऐसे में बीच सड़क पर तीन फुट से ज्यादा गहरा गढ्डा करने से इसकी चौड़ाई और कम हो गई है। गाडि़यों को आने-जाने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क की चौड़ाई कम होने से लगातार जाम भी लग रहा है। किशोरी यादव चौक काफी व्यस्त रहने वाला चौक है। यहां रात दिन बडे़-बड़े गाडि़यों की आवाजाही रहती है।

हरिहर सिंह रोड

बरियातू से मोरहाबादी की ओर जाने वाला मार्ग जिसे हरिहर सिंह रोड के नाम से भी जानते हैं। यहां की हालत भी खराब है। गली में इंटर करते ही बड़ा सा नाला स्वागत करता है। जबकि यह नाला नहीं है यहां पर पीच रोड है। लेकिन गढ्डे की वजह से पता नहीं चल पाता कि सड़क कहां है। एक फीट से भी ज्यादा गढ्डा हो गया है। इसमें नाले का पानी जमा रहता है। जिस वजह से समतल जगह का पता लगाना और मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि यहां पर अबतक कई बाइक वाले और पैदल चलने वाले गिर भी चुके हैं।