रांची: राजधानी को स्मार्ट बनाने की बात होती है। मंत्री से लेकर अधिकारी इसके लिए काम करते हैं। यह उनकी जिम्मेवारी है, चूंकि पब्लिक ही उन्हें चुनकर भेजती है। ऐसे में सिस्टम सुधारने का दारोमदार तो उनके कंधों पर ही है। लेकिन सिस्टम सुधारने में आपका भी योगदान उतना ही जरूरी है जितना की मंत्री और अधिकारियों का। इसलिए सिस्टम पर सवाल तो उठाइए लेकिन सड़क पर खुद कब्जा न जमाइए।

लोगों की आदतों से परेशानी

सिटी में लोग अपनी परेशानी बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसलिए पार्किग की जगह न होते हुए भी गाडि़यां खरीद लेते हैं। वहीं नगर निगम की जमीन पर कब्जा भी जमा लेते हैं। नालियों के अलावा खाली जगहों पर अतिक्रमण कर कंस्ट्रक्शन करने से भी बाज नहीं आते। लोगों की ऐसी आदतों के कारण पब्लिक को परेशानी झेलनी पड़ती है।

पार्किंग से संकरी हुई सड़कें

कनेक्टिंग रोड के अलावा गली-मोहल्लों में रोड वैसे भी कम चौड़े हैं। इसके बाद भी लोग रोड किनारे अपनी गाडि़यां पार्क कर देते हैं, जिससे कि सड़कों की चौड़ाई और कम हो जाती है। वहीं कई लोगों ने गाडि़यां खरीद ली हैं लेकिन उनकी पार्किग की जगह नहीं है। इस वजह से जिनका घर है उनका घरों से निकलना भी मुश्किल हो रहा है।

नालियां ढक जमा रहे कब्जा

सिटी में लोग सिस्टम को कोसते हैं। लेकिन लोगों ने नालियों को भी नहीं छोड़ा है। नालियों के ऊपर स्लैब लगाकर उसपर भी कब्जा जमा ले रहे हैं। इस वजह से भी सड़क की चौड़ाई कम हो जाती है। वहीं सफाई के लिए आने वालों को दिक्कतों को सामना करना पड़ता है, लेकिन लोग अपनी गलतियों को नजरअंदाज कर सिस्टम पर ही सवाल उठाना शुरू कर देते हैं।

रोड में टेंपररी कंस्ट्रक्शन

घर के अलावा लोग अपना मार्केट भी बनाते हैं, जिसके लिए जगह छोड़ने का प्रावधान है ताकि गाडि़यों को पार्क करने की जगह मिल सके। इसके अलावा रोड तक अपनी दुकान न लगाएं। लेकिन लोग अपनी दुकान के अलावा रोड से सटाकर टेंपररी कंस्ट्रक्शन भी करने से बाज नहीं आते, जिससे कि रोड के किनारे खाली जगह नहीं बचती।