रांची (ब्यूरो)। सिटी के घनी आबादी वाला इलाका है रातू रोड। इसकी विभिन्न गलियों में पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक रोड नहीं बनाया गया है। वार्ड नंबर 30 और 33 के इलाके में कई जगह पार्षदों के प्रयास से सड़कें बनाई गई थीं। इंद्रपुरी से लेकर देवी मंडप और बिड़ला मैदान इलाके से लेकर कृष्णापुरी तक की हालत खराब हो चुकी है। आलम यह है कि अब जहां-कहीं सड़कें खोदने के लिए किसी एजेंसी के लोग पहुंचते हैैं, वहां उनका विरोध शुरू हो गया है। मौजूदा स्थिति यह है कि रांची में वीआईपी इलाकों को छोड़ दिया जाए, तो ऐसा एक भी एरिया नहीं, जहां गली-मोहल्लों की सड़कें नहीं तोड़ी गईं हों।

रात के अंधेरे में काम

रांची में सड़कों को खोदने और काम खत्म होने के बाद संबंधित एजेंसी के फरार होने से इतना आक्रोश बढ़ गया है कि अब कई निजी कंपनियों के लोग रात के अंधेरे में काम शुरू करते हैैं और सुबह होते-होते सभी साइट से हट जाते हैैं। अभी कुछ दिनों पहले ही रातू रोड देवी मंडप के पास एक बड़ी टेलीकॉम कंपनी का ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए रात के एक बजे खुदाई का काम शुरू हुआ था। इसी दौरान वहां के एक समाजसेवी ने काम रुकवा दिया। जब कंपनी के लोगों से एनओसी की डिमांड की गई, तो वे स्थानीय लोगों को पेपर नहीं दिखा पाए। इसके बाद से आज तक वहां पर दोबारा काम शुरू नहीं हुआ।

इंद्रपुरी की भी हालत खस्ता

रातू रोड के इंद्रपुरी इलाके में कई गलियों की हालत खस्ता हैै। ऐसा नहीं कि इंद्रपुरी की बाई-लेन सड़कें पहले से ही खराब थीं। यहां की सभी सड़कें पार्षदों ने बनवा दी थी। इस इलाके में करीब 43 बाई-लेन सड़कें हैैं। अधिकतर इलाकों में सड़कें खोदी गईं और उन्हें दोबारा रिपेयर नहीं किया गया। इससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग इसका विरोध भी करते हैैं, लेकिन सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर मुकदमा झेलने की हिम्मत किसी में नहीं, इसलिए काम रोकने के मामले कम ही सामने आ रहे है।

काली सड़क को बर्बाद होने से बचाया

वार्ड 33 के पार्षद अशोक यादव से बातचीत

सवाल : रातू रोड के कई इलाकों में सड़कें खुदी हुई हैैं, कौन जिम्मेवार है?

जवाब : निश्चित रूप से वह एजेंसी जिम्मेवार है, जो काम करने के बाद सड़कें नहीं बना रही हैै।

सवाल : आपकी ओर से क्या कभी मुद्दे को उठाया गया?

जवाब : मै हमेशा इस मामले में मुखर रहता हूं। दो महीने पहले इंद्रपुरी मुख्य मार्ग की काली सड़क को एक कंपनी की ओर से खोदा जा रहा था। मैैंने संबंधित कंपनी के लोगों से पूछा कि कागज कहां है, तो वे यह कहते हुए चले गए कि कागज लेकर आएंगे। आज तक वापस नहीं लौटे। इससे कम से कम एक सड़क तो बर्बाद होने से बच गई।

सवाल : अंदुरूनी इलाकों में भी सड़कें तोड़ी गई हैैं, इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब : मार्ग नंबर 5 मेरे वार्ड में नहीं आता। हालांकि, जहां कहीं भी तोड़-फोड़ होती है, उसकी तहकीकात के लिए मैैं साइट पर जाता हूं। नगर निगम के अधिकारियों से एक बार फिर पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग करूंगा।