RANCHI: अगर आप अपनी खाली जमीन पर घर बनाने की शुरुआत कर रहे हैं तो आपको आरआरडीए से जमीन का लेआउट प्लान पास करवाना होगा। इसके बाद ही आप अपने घर का काम शुरू करवा सकते हैं। आरआरडीए की ओर से रांची शहरी क्षेत्र के आसपास बसे सभी इलाके के लोगों को आदेश दिया है कि अब घर बनाने से पहले आरआरडीए से लेआउट प्लान पास करवाना होगा। उसके बाद ही उनके घर का नक्शा पास होगा, जो लोग ऐसा नहीं करेंगे उनका घर अवैध माना जाएगा।

आसपास इलाके में ही बन रहे घर

अब राजधानी का एक्सपेंशन आरआरडीए क्षेत्र में अधिक हो रहा है। शहर के बीच में जगह खाली नहीं है जिसके कारण लोग शहर के आसपास अपना आशियाना बना रहे हैं। बजरा, चटकपुर, नामकुम, इरबा जैसे इलाके में जमीन खरीद कर घर बना रहे हैं। जो लोग इन इलाके में अपना आशियाना बना रहे हैं उनको घर बनाने का काम शुरू करने से पहले आरआरडीईओ को सूचना देनी होगी और ले आउट पास करवाना होगा। इसके बाद ही काम शुरू कर सकते हैं।

दलाल करते हैं मनमानी

इन इलाकों में खाली जमीन अधिक है, जिसकी खरीद बिक्री सबसे अधिक हो रही है। इसमें जो जमीन दलाल हैं वो सबसे अधिक मनमानी करते हैं। जमीन खरीदने वाले लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर कि चौड़ी सड़कें, ड्रेनेज सहित कई तरह की सुविधाओं का झांसा देकर जमीन बेच देते हैं। लेकिन जब जमीन पर लोग घर बनाने पहुंचते हैं तो उनको वायदे के अनुरूप जमीन और सड़क नहीं मिलती है। इसको देखते हुए आरआरडीए ने तय किया है कि अब घर बनाने से पहले जमीन के ले आउट के बाद ही काम शुरू हो सकता है।

आरआरडीए कर पाएगा प्लानिंग

आरआरडीए के एक अधिकारी ने बताया कि आसपास के इलाकों में काफी संख्या में लोग बस रहे हैं। जमीन दलाल मनमाने तरीके से जमीन बेचकर लोगों से पैसा ले रहे हैं। जिसके कारण आरआरडीए मूलभूत सुविधाएं देने की प्लानिंग नहीं कर पा रहा है। आसपास के इलाकों में कई ऐसी कॉलोनी बस गई हैं जहां 5 फ ट से 10 फ ट का रोड गुजर रहा है। जहां ना तो सड़क बन पाती है और न ही ड्रेनेज के लिए कोई जगह छोड़ा गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में इन लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना भी आरआरडीए के लिए परेशानी बनने वाला है।

जमीन दलालों की ठगी से बचाने की तैयारी

अभी जमीन दलाल मनमाने तरीके से जमीन बेचकर निकल जा रहे हैं। लेकिन अब लोगों को जमीन का लेआउट प्लान मंजूरी लेना आरआरडीए से जरूरी हो जाएगा तो फ र्जीवाड़े से लोग बच जाएंगे। क्योंकि ले-आउट के समय यह बताना होगा कि जमीन कितनी फीट चौड़ी है, ड्रेनेज के लिए कितनी जगह छोड़ी गई है और बाकी सुविधाओं के लिए जमीन का क्या उपयोग किया जा सकता है। ये सारी जानकारी देनी होगी।