RANCHI: धुर्वा सेक्टर तीन निवासी महिला सुमन सिंह की मौत मामले में सीजेएम नवीन कुमार श्रीवास्तव ने मामले के दोषी दो डॉक्टरों निधि निकुंज और एग्नेश मिंज को सुनवाई के दौरान अग्रिम जमानत दे दी। वहीं अदालत ने सेंटेविटा अस्पताल प्रबंधन को दोषी मानते हुए तीन लाख का जुर्माना देने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि मरीज की जान बच सकती थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। मामले में सेंटेविटा अस्पताल के दो चिकित्सकों के खिलाफ महिला के पति मुकेश कुमार सिंह ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें सुमन सिंह की मौत को लेकर डॉ निधि निकुंज और डॉ एग्नेश मिंज पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया गया था।

क्या है मामला

प्राथमिकी के अनुसार सुमन सिंह की डिलिवरी पांच दिसंबर, ख्0क्म् को संभावित थी। क्ख् अक्तूबर को डॉ एग्नेश मिंज की सलाह पर महिला को इंजेक्शन दिया गया। इस पर महिला की स्थिति खराब होने पर उसे क्फ् अक्तूबर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अस्पताल में ऑपरेशन करने की सलाह दी गई। क्ब् अक्तूबर को महिला का ऑपरेशन कर दिया गया। नवजात को इनक्यूवेटर में रख दिया गया। ऑपरेशन के एक घंटे बाद सुमन सिंह की हालत खराब होने लगी। तब उन्हें आइसीयू में शिफ्ट किया गया। बताया गया कि उनका ब्रेन हेमरेज हो गया है। बुलाने के बावजूद उन्हें देखने के लिए कोई न्यूरो सर्जन नहीं आया। क्भ् अक्तूबर को सुमन सिंह को देखने के लिए बाहर से एक न्यूरो सर्जन बुलाया गया। लेकिन चिकित्सक ने कोई इलाज नहीं किया। बाद में परिजन उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल ले गए, जहां इलाज शुरू करने से पहले ही उनकी मौत हो गई।