RANCHI : सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिए जा रहे मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) में गुणवत्ता व पौष्टिकता सुनिश्चित करने के लिए इसके सैंपल की जांच इस साल से शुरू होगी। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है। केंद्रीय स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सैंपल जांच के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया है, जिस पर राज्य सरकार से सुझाव भी मांगे गए हैं।

चार चरणों में जांच

शुरू में चार चरणों में प्रत्येक जिले के दो-दो प्रखंडों के स्कूलों से यह सैंपल लिया जाएगा, जो चक्रानुसार जारी रहेगा। पहले चरण के लिए प्रखंडों के नाम भी तय कर दिए गए हैं। संबंधित स्कूलों में चार-चार बच्चों को दिए जानेवाले भोजन के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। लेबोरेट्री में इस बात की भी जांच होगी कि भोजन में मिड डे मील योजना की गाइडलाइन के तहत निर्धारित प्रोटीन, काब्रोहाइड्रेट तथा फैट है या नहीं।

खाद्य सुरक्षा कानून में है प्रावधान

खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों के अनुसार औचक निरीक्षण कर बच्चों के भोजन का सैंपल लेना है। इस सैंपल की जांच राज्य सरकार द्वारा स्थापित या मान्यता प्राप्त लेबोरेट्री में होनी है। सेंट्रलाइज्ड किचेन से प्रत्येक माह कम से कम एक बार सैंपल लेने का प्रावधान है।

राज्य में एक्रीडिएटेड लेबोरेट्री नहीं

ं विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने केंद्र को बताया कि राज्य में एफएसएसएआइ/एनएबीएल से एक्रीडिएटेड लेबोरेट्री नहीं है सरकार निजी लेबोरेट्री की पहचान कर रही है, जिसमें सैंपल जांच कराई जा सके। यह भी बताया कि स्कूलों में प्रधानाध्यापक, माता समिति तथा विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा मिड डे मील चखकर बच्चों को परोसने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।