RANCHI: सक्सेस के लिए कंफर्ट जोन के बैरियर को तोड़ना बेहद जरूरी है। इफ यू बिलीव, यू कैन अचीव। बुधवार को ये बातें सक्सेस गुरु एके मिश्रा ने कहीं। वह करमटोली चौक के पास स्थित सेलिब्रेशन हॉल में सैकड़ों स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने एक ऐसे बाज की कहानी सुनाई, जो मुर्गियों के बीच रह रहा था। कहा कि जब बाज को मुर्गियों के बीच से निकालकर आसमान में उड़ान भरते बाज को देखकर उड़ने को कहा गया तब उसने गगनचुंबी उड़ान भरी और फिर लौट कर नहीं आया। उन्होंने कहा कि सफल होने की क्षमता सभी में होती है पर मुर्गियों के साथ रह रहे बाज की तरह हम अपने कंफर्ट जोन को तोड़ना नहीं चाहते। कार्यक्रम में स्टूडेंट्स ने उनसे सवाल भी पूछे, जिसका उन्होंने जवाब दिया।

दिमाग को यूटीलाइज्ड करें

हमें याद रखना चाहिए कि ईश्वर ने हमें अद्भुत शक्ति प्रदान की है। हम सब स्पेशल हैं। हमारे दिमाग में एक बिलियन सेल्स हैं, जिसे न्यूरॉन कहते हैं। उन्होंने कहा कि एक साधारण आदमी अपने दिमाग का एक परसेंट भी यूटिलाइज्ड नहीं करता। आइंस्टीन जैसे साइंटिस्टका कहना था कि उन्होंने अपने दिमाग का केवल क्भ् परसेंट यूटिलाइज्ड किया। इसलिए कोई यदि अपने दिमाग का पांच फीसदी भी सही दिशा में यूटिलाइज्ड कर ले, तो वह नेशनल फेम का हो जाएगा और पंद्रह परसेंट कर लिया तो इंटरनेशनल फेम का।

मन के हारे हार है मन के जीते जीत

उन्होंने कहा कि जीत उसी को हासिल होगी, जिसे अपनी जीत पर यकीन होगा। अगर आपको जीत पर यकीन है तो जिंदगी के आखिरी स्टेज पर भी चमत्कार हो सकता है। मन के हारे हार है और मन के जीते जीत। सफलता के लिए तकलीफ भी उठानी पड़ेगी और बाधाओं से जूझते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करना होगा। ईश्क फिल्म की क्लिपिंग दिखाकर उन्होंने कांशस और सब कांशस माइंड की व्याख्या की और कहा कि हजारीबाग के लंगातू गांव से उठकर वे यहां पहुंचे हैं।