RANCHI: बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी वेटनरी कॉलेज के सैकड़ों स्टूडेंट्स को अपनी मांगों को लेकर धरना देना काफी महंगा पड़ गया, जब बुधवार दोपहर कैंपस में साइन डाई की घोषणा कर दी गई। तमाम स्टूडेंट्स को हॉस्टल समेत पूरा कैंपस महज दो घंटे में खाली करने का अल्टीमेटम आ गया। इससे स्टूडेंट्स में अफरा-तफरी मच गई। सभी अपने सामान को समेटने में जुट गए। इसी बीच कैंपस खाली नहीं करने पर लाठीचार्ज की वार्निग की अफवाह भी फैल गई। इसके बाद स्टूडेंट्स का रोना शुरू हो गया। सभी क्भ्0 स्टूडेंट्स किसी तरह अपना सामान बांधे और निकल पड़े।

आंदोलन के बीच अचानक अनाउंसमेंट

बुधवार की सुबह कॉलेज के स्टूडेंट्स अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर कॉलेज का मेन गेट बंद कर धरना पर बैठे थे। इसी दौरान डीन पीजी डॉ। जेडए हैदर, निदेशक प्रशासन डॉ। एस के पॉल, रजिस्ट्रार डॉ। एन कुदादा, डीन वेटनरी डॉ। एके श्रीवास्तव पहुंचे और उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन स्टूडेंट्स अपनी मांगों पर अड़े रहे। इस बीच अचानक डीन वेटनरी डॉ एके श्रीवास्तव ने क्ख् बजे दोपहर साईन डाई ऑर्डर जारी कर दिया और ख् बजे तक यूजी, पीजी के सभी स्टूडेंट्स को हॉस्टल खाली करने का फरमान सुना दिया गया। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में कॉलेज के लगभग क्भ्0 स्टूडेंट्स हॉस्टल खाली कर रोड पर आ गए। छात्र-छात्राओं को रेलवे स्टेशन व बस स्टैड छोड़ने के लिए विवि प्रशासन की ओर से बसों का इंतजाम किया गया था। लेकिन छात्रों ने निजी वाहनों का सहारा लिया। हालांकि नए सत्र के छात्रों को गुरुवार सुबह 8 बजे तक हॉस्टल में रुकने की अनुमति दी गई है। किसी अनहोनी की आंशका को देखते हुए विवि प्रशासन ने सुबह से ही अतिरिक्त सुरक्षा बल बुला लिया था।

फाइनल ईयर वालों को ज्यादा प्रॉब्लम

कॉलेज के अनिश्चितकालीन बंद होने से बीवीएससी फाइनल सत्र के क्ब् स्टूडेंट्स को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हॉस्टल खाली करने के बाद इनका रो-रोकर बुरा हाल है। क्योकि फाइनल सत्र के छात्रों की परीक्षा नवंबर में होनी है। इसके बाद उन्हे इंटर्नशिप करना है। इसके लिए क्80 दिन जरूरी हैं। बंद हो जाने से म् महीना बेकार हो जाएगा। इस वर्ष आईसीएआर द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा से भी वंचित होना पड़ेगा, जिससे इनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।

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प्रेग्नेंट छात्रा को भी हॉस्टल से निकाला

कुलपति पर कॉलेज की छात्राओं द्वारा हाथ पकड़ने का आरोप एवं मंगलवार को विवि के एक मनोरोगी कर्मचारी द्वारा छात्राओं पर की गई बदसुलूकी मामले की लिखित शिकायत राज्य महिला आयोग से की गई थी। मामले में संज्ञान में लेते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण एवं उनकी टीम वेटनरी कॉलेज पहुंची थी। उस समय छात्राएं हॉस्टल खाली कर सड़क पर खड़ी थीं। धनबाद की रहने वाली 8 महीने की गर्भवती छात्रा डॉ। स्नेहा दर्द से बेचैन थी, उसे देखकर अध्यक्ष कल्याणी शरण ने हॉस्पीटल ले जाना चाही। लेकिन छात्रा ने रांची के लोकल गार्जियन के घर जाने की बात कही। विवि प्रशासन ने उसे यूनिवर्सिटी एंबुलेस से लोकल गार्जियन के घर भेजवाया।

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महिला आयोग की अध्यक्ष ने लगाई फटकार

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने वेटनरी डीन एवं अन्य अधिकारियों को अचानक साइन डाई की घोषणा पर फटकार लगाई। खरी खोटी सुनाते हुए कहा कॉलेज में साईन डाई की घोषणा के बाद लड़कियों के परिजन आने तक हॉस्टल में रुकने देना चाहिए था। चूंकि इनमें ऐसी कई छात्राएं हैं, जो दूसरे राज्य राजस्थान, चेन्नई, आंध्रप्रदेश, बिहार आदि से हैं। इन्हें अकेले भेजना अनुचित है। साथ ही कल्याणी शरण ने डीन वेटनरी एवं अन्य विवि अधिकारियों से कहा कि छात्रा डॉ। स्नेहा गर्भवती है, उसके साथ किसी तरह की अनहोनी होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।