रांची: ऑनलाइल स्टडी के बाद अब ऑनलाइन एग्जाम में भी इंटरनेट रोड़ा बन रहा है। इंटरनेट की धीमी रफ्तार पढ़ाई के साथ-साथ एग्जाम में भी खलल डाल रही है। एग्जाम में एक निश्चित समय सीमा स्टूडेंट्स को दी जाती है। लिमिट टाइम में ही पूरा क्वेश्चन सॉल्व कर कॉपी सब्मिट करनी होती है। लेकिन इंटरनेट के ठीक से वर्क नहीं करने की वजह से कुछ सवालों के जवाब बच्चे जानते हुए भी लिख नहीं पा रहे। दरअसल, एक ओर देश में कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा दी। लोग बीमारी से जूझ रहे हैं। वहीं इसका असर स्टूडेंट्स पर भी काफी ज्यादा पड़ा है। स्कूल बंद होने की वजह से बीते छह महीने से बच्चों की पढ़ाई बेपटरी हो चुकी है। हालांकि ऑनलाइन क्लास लेकर स्कूल मैनेजमेंट की ओर से जरूर इसे पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई से कितना फायदा हुआ इसे जांचने के लिए स्कूलों की ओर से टेस्ट और असेसमेंट किया जा रहा है। लेकिन इंटरनेट इसमें बाधा डाल रहा है। इससे बच्चे और पेरेंट्स दोनों परेशान हैं।

डब्बा बन गया स्मार्ट फोन

ऑनलाइल स्टडी ज्यादा कारगर साबित नहीं हो रही है। बहुत से बच्चों के पास लैपटॉप नहीं है। वहीं स्मार्ट फोन इंटरनेट की स्पीड न होने की वजह से डब्बा बन जाता है। दूर दराज के एरिया में रहने वाले स्टूडेंट्स के लिए टीचर्स को व्हाट्सएप मैसेज या टेक्स्ट मैसेज के सहारे काम चलाना पड़ रहा है। इंटरनेट की इतनी स्पीड नहीं कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए क्लास ली जा सके। कई जगह नेट स्पीड कुछ ठीक रहती है तो वहां वीडियों कॉल के बीच में ड्रॉप होने से स्टडी डिस्टर्ब हो रही है। इससे बच्चों को हर दिन स्टडी और एग्जाम में काफी परेशानी हो रही है। क्लासेज किसी तरह चल जा रही है, टेस्ट और असेसमेंट में बहुत समस्या आ रही है।

रिजल्ट होगा प्रभावित

ऑनलाइन टेस्ट व असेसमेंट में स्लो इंटरनेट की वजह से बच्चों के रिजल्ट प्रभावित हो सकते हैं। आंसर जानते हुए नहीें लिख पाने की स्थिति में बच्चे मानसिक परेशानी से गुजर सकते हैं। लगभग सभी सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से संचालित स्कूलों में इस समय असेसमेंट व टेस्ट लिया जा रहा है। बच्चे सुबह होते ही मोबाइल और लैपटॉप लेकर बैठ जाते हैं। इंटरनेट से स्कूल के एप को एक्सेस करना शुरू कर देते हैं। स्लो इंटरनेट की वजह से कभी-कभी एप से जुड़ने में ही वक्त लग जाता है। वहीं बच्चों का कहना है कि टेस्ट के बीच में ही नेट गायब हो जाता है। या फिर 4-5 केवीपीएस की स्पीड से चलता है, जो काफी परेशान करता है। बार-बार कनेक्ट करने की वजह से समय भी काफी बर्बाद हो रहा है। बहरहाल किसी तरह टेस्ट अटेंड करने वालों को अब रिजल्ट की चिंता सता रही है। बच्चों को डर है कि इंटरनेट की वजह से रिजल्ट न खराब हो जाए।

इंटरनेट की वजह से स्टडी में भी काफी परेशानी होती है। बार-बार सर्किल गोल-गोल घूमता रहता है, जिससे बहुत गुस्सा भी आता है। एग्जाम में ज्यादा समय नहीं होता है। इसमें भी ऐसा होने पर पेपर खराब हो जाएगा।

अभिषेक, स्टूडेंट, क्लास 7

ऑनलाइन स्टडी में स्लो इंटरनेट काफी परेशान कर रहा है। बच्चों के साथ-साथ टीचर भी इरीटेट हो जाते हैं। फिर भी स्कूल अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहा है कि बच्चों का रिजल्ट खराब न हो। बेहतर ढंग से टेस्ट आर्गनाइज कराकर सभी बच्चों को प्रॉपर समय देते हुए टेस्ट लिया जा रहा है। बच्चों का रिजल्ट भी अच्छा ही होगा।

-रश्मि सिन्हा, प्रिंसिपल, गुरुगोविंद सिहं स्कूल