रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में जेनस कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने का काम शरू हो गया है। रांची के शहरी इलाकों के साढ़े तीन लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे। पहले चरण में उन लोगों के यहां स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है, जिन्होंने नए कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था। 45 हजार स्मार्ट मीटर रांची पहुंच चुका है, लेकिन फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। अपर बाजार इलाके से स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। ये एक हजार स्मार्ट मीटर उन लोगों के घर पर लगाए जाएंगे, जिन्होंने बिजली के नए कनेक्शन के लिए पहले से आवेदन कर रखा है। इसके बाद राजधानी के अन्य इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू किया जायेगा।

एमआरटी जांच में सफल

रांची पहुंचे 45 हजार स्मार्ट मीटरों में एक हजार मीटर एमआरटी जांच के लिए भेजा गया था। जांच में सभी मीटर सफल पाये गये। अब पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन्हीं मीटरों को एक हजार घरों में लगाए जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगने के बाद इसकी टेस्टिंग की जाएगी। बिजली वितरण निगम के अधिकारियों द्वारा इसपर गहनता से नजर रखी जाएगी। अधिकारी यह देखेंगे कि जिन घरों में स्मार्ट मीटर लगाये गये हैं, वह ठीक से काम कर रहा या नहीं, इसमें कोई खामियां तो नहीं। फिलहाल तीन से चार महीनों तक ऊर्जा मित्र द्वारा ही मीटरों की रीडिंग की जएगी। जिसका मिलान ऑटोमैटिक बिलिंग से किया जाएगा। इसके बाद सभी पहलुओं की गहनता से समीक्षा की जायेगी। सभी चीजें सही पाये जाने के बाद तीन से चार महीनों में इसे प्रीपेड स्मार्ट मीटर में तब्दील कर दिया जाएगा।

ऐसे काम करेगा प्री-पेड स्मार्ट मीटर

यह प्री-पेड स्मार्ट मीटर मोबाइल नंबर की तरह काम करेगा। इसे मोबाइल नंबर की तरह रिचार्ज करना होगा। इसमें उस क्षेत्र में बेहतर नेटवर्क कनेक्शन वाले मोबाइल कंपनी का भी सिम कार्ड लगेगा। उपभोक्ताओं को बिजली का उपयोग करने से पहले रिचार्ज करना होगा। जितना रिचार्ज करेंगे और बैलेंस रहेगा, उतनी ही बिजली की खपत कर पाएंगे। रिचार्ज समाप्त होने पर मोबाइल पर मैसेज आएगा। समय पर रिचार्ज नहीं करने पर बिजली आपूर्ति रोक दी जाएगी। एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है।

ये होंंगे फायदे

-बिल के लिए ऊर्जा मित्र का इंतजार नहीं करना होगा।

- बिजली बिल जमा करने के लिए लाइन भी नहीं लगना पड़ेगा।

- जितनी खर्च करेंगे, उतना भुगतान करें, अर्थात बिजली की खपत कम कर सकेंगे।

- कितनी बिजली खर्च कर रहे हैं, उस पर उपभोक्ताओं की भी निगरानी होगी।

- बिजली चोरी पर लगाम लगेगी।

- निर्बाध बिजली आपूर्ति होगी। आपूर्ति बाधित होने पर स्वत: शिकायत दर्ज हो जाएगी।

- बिजली आपूर्ति पर सीधे तौर पर जेबीवीएनएल निगरानी कर सकेगा।