रांची(ब्यूरो)। कर किरपा तेरे गुण गावा, नानक नाम जपत सुख पावाशबद गायन कर सिख पंथ के महान कीर्तनी जत्था भाई प्रिंस पाल सिंह जी पटियाला ने साध संगत को गुरुवाणी से जोड़ा। मौका था गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी में नववर्ष के उपलक्ष्य में 1 जनवरी की सुबह विशेष दीवान का, जिसकी शुरुआत सुबह 07:45 बजे भाई महिपाल सिंह जी द्वारा आसा दी वार कीर्तन से हुई। इसके बाद राजन के राजा महाराजन के महाराजा तुम होसमेत अन्य शबद कायनों से पूरा कैंपस गूंज उठा।

कथावाचन हुआ

सुबह 09:45 से 10:30 बजे तक साबका हेड ग्रंथी श्री हरमंदिर साहिब, अमृतसर ज्ञानी मान सिंह जी ने कथावाचन करते हुए कहा कि श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की आरंभता गुरु प्रसाद से है और समूची वाणी में इसका जिक्र है। वाणी में कहा गया है कि जो मांगे ठाकुर अपने ते सोई सोई देवै। अर्थात हम अकाल पुरख से जो भी मांगे वो बख्शीश करके हमें देते हैं। उन्होंने कहा कि सांसारिक जिम्मेवारियों के अलावा हमें अकाल पुरख का सिमरन भी करना चाहिए और रोजाना गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेककर श्री गुरुग्रंथ साहिब जी का आशीर्वाद लेने के बाद ही दिनचर्या शुरू करनी चाहिए।

चाय-नाश्ते का लंगर

श्री आनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुक्मनामा के साथ विशेष दीवान की सुबह 10:30 बजे समाप्ति हुई। सत्संग सभा के अध्यक्ष द्वारका दास मुंजाल ने ज्ञानी मान सिंह जी को और सचिव अर्जुन देव मिढा ने भाई प्रिंस पाल सिंह जी एवं साथियों को गुरु घर का सरोपा भेंट कर सम्मानित किया.मंच संचालन मनीष मिढा ने किया। मौके पर सत्संग सभा के सचिव अर्जुन देव मिढा ने समूह साध को नव वर्ष की बधाई दी और इसी तरह गुरुघर से जुड़े रहने का आह्वान किया। दीवान की समाप्ति के उपरांत संगत के लिए चाय नाश्ते का लंगर चलाया गया।

ये विशेष दीवान में हुए शामिल

आज के दीवान में सभा के प्रधान द्वारका दास मुंजाल, सचिव अर्जुन देव मिढा, सुंदर दास मिढा, अशोक गेरा, चरणजीत मुंजाल, जीवन मिढा, मोहन काठपाल, हरगोविंद सिंह, मनोहर लाल मिढा, सुरेश मिढा, वेद प्रकाश मिढा, अमरजीत गिरधर, लक्ष्मण दास मिढा, लक्ष्मण सरदाना, हरीश मिढा, लेखराज अरोड़ा, नानक चंद अरोड़ा, राजकुमार सुखीजा, इंदर मिढा, रमेश पपनेजा, प्रेम मिढा, कवलजीत मिढा, महेश सुखीजा, बसंत काठपाल, सुभाष मिढा, हरजीत बेदी, जीतू काठपाल, पाली मुंजाल, राजेंद्र मक्कड़, अनूप गिरधर, बिनोद सुखीजा, लक्ष्मण दास सरदाना, अमरजीत मुंजाल, पवनजीत सिंह, महेन्द अरोड़ा, मोहन लाल अरोड़ा, जीतू अरोड़ा, नीरज गखड़, अश्विनी सुखीजा, सागर थरेजा, राकेश गिरधर, नीरज सरदाना, ईशान काठपाल, कमल अरोड़ा, रमेश तेहरी, हरविंदर सिंह, उमेश मुंजाल, कमल मुंजाल, गुलशन मिढा, रमेश गिरधर, पंकज मिढा, सूरज झंडई, गौरव मिढा, रौनक ग्रोवर, अमन डावरा, पियूष मिढा, आशु मिढा, नवीन मिढा, रिक्की मिढा, बबली दुआ, गीता कटारिया, शीतल मुंजाल, मंजीत कौर, खुशबू मिढा, दुर्गी देवी मिढा, बिमला मिढा, तीर्थी काठपालिया, नीता मिढा, इंदु पपनेजा, रेशमा गिरधर, ममता सरदाना, कुसुम पपनेजा, मीना गिरधर, श्वेता मुंजाल, उषा झंडई, नीतू किंगर, ममता थरेजा, पूनम मुंजाल, कंचन सुखीजा, सुषमा गिरधर, गूंज काठपाल, उषा झंडई समेत अन्य श्रद्धालु शामिल हुए।