रांची (ब्यूरो): किसी भी शहर के चौक-चौराहे वहां की पहचान होते हैैं, लेकिन झारखंड का अलग गठन हुए 22 साल बीत जाने के बाद भी राजधानी रांची के चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण नहीं हो सका है। राजधानी के बदहाल चौक-चौराहों को खूबसूरत बनाने की योजना 2015 से ही बन रही है। एक-दो चौराहों का सौंदर्यीकरण किया भी गया, लेकिन अधिकतर चौराहे आज भी बदहाल हंै, लेकिन अब इन्हीं बदहाल चौराहों का नामकरण झारखंड के शहीदों के नाम पर रखने की चर्चा गर्म है। हालांकि यह योजना जेएमएम की है, लेकिन रांची नगर के सहयोग से ही इस काम को संपादित करने का निर्णय लिया गया है। योजना के तहत राजधानी के वैसे चौराहे जो गुमनाम हैं या जिन्हें कोई नाम नहीं दिया गया उन चौराहों का नामकरण शहीदों के नाम पर किया जाएगा। इसी चरण में डोरंडा में नए चौक का नामकरण स्व विनोद बिहारी महतो के नाम पर रखा गया है।

नहीं हुआ है काम

बदहाल चौक-चौराहों को दुरुस्त करने के लिए रांची नगर निगम ने योजना तैयार की थी। 2021 में इस काम के लिए एजेंसी का भी चयन कर लिया गया था, लेकिन इस एक साल से अधिक का समय बीत गया इस दिशा में पहल तक नहीं हुई है। नई व्यवस्था के तहत एजेंसियों को ही चौराहों के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ, रख-रखाव, हाई मास्ट लाइट का भी मेंटेनेंस करना था, लेकिन हालत यह है कि कई चौराहों के हाई मास्ट लाइट ज्यादातर बंद ही रहते हैं।

ये चौक-चौराहे हैं बदहाल

अरगोड़ा चौक, पिस्का मोड़, पिस्का मोड़, राजेंद्र चौक, मेकन चौक, एजी मोड़, हिनू चौक, अंबेडकर चौक, सिरमटोली चौक, शहीद चौक, कोकर चौक, बूटी मोड़, अल्बर्ट एक्का चौक, कचहरी चौक, जेल चौक, न्यूक्लियस मॉल चौक, लालपुर चौक और डंगराटोली चौक, दुर्गा सोरेन चौक, जेल चौक, रांची तालाब, कर्बला चौक राजभवन चौक, बूटी मोड़ चौक व अन्य चौराहों का ब्यूटिफिकेशन, फाउंटेन लगाने और ग्रीनरी करने का दावा किया गया था। इसमें सिर्फ राजेंद्र चौक पर ही कुछ काम हुआ है, बाकि आज भी बदहाल हैं। नगर निगम ने इन चौराहों को संवारने के लिए प्राइवेट कंपनियों को जिम्मा दिया था, लेकिन मॉनिटरिंग नहीं होने से काम नहीं हुआ।

ये चौराहे आज भी हैैं बदहाल

सुजाता चौक

सुजाता चौक राजधानी के हृदयस्थली में बसा हुआ है। शहर के बीचोबीच होने के बाद भी यह चौराहा पूरी तरह बदहाल है। इस चौराहे को लाला लाजपत राय चौक के नाम से भी जाना जाता है। यह चौराहा बूरी तरह क्षतिग्रस्त है। आलम यह है कि यहां ट्रैफिक पुलिस को खड़ा होने के लिए भी ठीक से जगह तक नहीं है।

मुंडा चौक

मुंडा चौक की हालत भी काफी दयनीय हो चुकी है। यहां पर तरह-तरह के झंडे तो नजर आते हैं, लेकिन इसका ब्यूटीफिकेशन करने की कोई जिम्मेवारी नहीं लेता। यहां तक की इस चौराहे के आस-पास मास्टलाइट भी नहीं लगा हैै।

कर्बला चौक

कर्बला चौक और भी ज्यादा बदहाल हालत में है। इस चौराहे का भी सौंदर्यीकरण होना था, लेकिन फिलहाल वह भी ठंडे बस्ते में है। कर्बला चौक के आस-पास काफी भीड़-भाड़ वाला इलाका है। इसका ब्यूटिफिकेशन बहुत जरूरी है।

किशोरी सिंह यादव चौक

किशोर सिंह यादव चौक काफी प्रमुख चौराहा है। यहां से होकर हर मंत्री, विधायक और अधिकारी का काफिला गुजरता है, लेकिन इस चौराहे को दुरुस्त करने की कोई सुध नहीं ले रहा। यहां पर लगी मास्ट लाइट ज्यादातर समय बंद ही रहती है।

चौराहों को सौंदर्यीकरण करने की दिशा में काम चल रहा है। जल्द ही बैठक कर चौक-चौराहों को दुरुस्त करने को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

रजनीश कुमार

डीएमसी, आरएमसी