रांची (ब्यूरो)। तीन जनवरी से शुरू हुए संकाय संवर्धन कार्यक्रम में बुधवार को डॉ रविभूषण, पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग रांची विश्वविद्यालय, रांची ने पाठ्यचर्या निर्माण परिणाम आधारित अधिगम और विकल्प आधारित क्रेडिट सिस्टम विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि चॉइस-बेस्ड क्रेडिट सिस्टम वह है जिसमें छात्रों के पास संस्थान में दिए गए पाठ्यक्रमों में से चयन करने का विकल्प होता है। वे कोर, सॉफ्ट स्किल, ऐच्छिक या छोटे पाठ्यक्रमों में से कुछ भी अपने अध्ययन में शामिल कर सकते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ज्ञान बढ़ाने, कौशल विकसित करने, आत्मविश्वास पैदा करने और छात्रों के जीवन पर साकारात्मक प्रभाव पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह छात्रों को न केवल पेशेवर रूप से विकसित होने का अधिकार देता है, बल्कि व्यक्तिगत विकास की ठोस नींव भी रखता है।

संतुलन पर ध्यान देना चाहिए

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए, उच्च शिक्षा संस्थानों को विभिन्न क्षेत्रों का पता लगाने के लिए लचीलापन प्रदान करके-शिक्षा प्रदान करने और कौशल विकास को बढ़ावा देने के बीच संतुलन विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। द्वितीय सत्र में प्रोफेसर डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, मानविकी संकाय अध्यक्ष विनोबा भावे यूनवर्सिटी हजारीबाग में नई शिक्षा नीति 2020 और उच्च शिक्षा विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा नीति है जिसे भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित किया गया।

पहला नया बदलाव

वर्ष 1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया परिवर्तन है। यह नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के। कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है। तृतीय सत्र में रांची विमेंस कॉलेज के एमबीए डिपार्टमेंट की प्राध्यापिका डॉ नेहा कौर ने व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए संचार की बारीकियों को समझने के विषय पर व्याख्यान दिया। चौथे सत्र में डॉ नीरूपांशु लता, डॉ सच्ची स्नेहा, डॉ कुमार विशाल, डॉ अनिल कुमार टेटे ने अभ्यास किया।