RANCHI : सुबह के दस बजे हैं। बूटी मोड़ स्थित मकान से शहीद संकल्प की अंतिम यात्रा निकल चुकी है। अपने जांबाज को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग हैं। हर किसी की आंखे नम है। अंतिम यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, लोग जुड़ते जा रहे हैं। कारवां हजारों में पहुंचता जा रहा है। हर किसी के कदम सिर्फ और सिर्फ संकल्प की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। आखिर हो भी क्यों न। अपने लाल को लास्ट सैल्यूट देने का लोग कोई भी मौका चूकना नहीं चाहते थे।

लाल के लिए उमड़ी रांची

शहीद संकल्प की अंतिम विदाई में सेना और पुलिस के अधिकारियों और जवानों की पूरी टीम आगे-आगे चल रही है। काफिले में सबसे आगे ट्रैफिक पुलिस की गाड़ी है और फिर रांची पुलिस और सेना के अधिकारियों की गाड़ी। जैसे-जैसे कारवां आगे बढ़ रहा है, लोग अंतिम यात्रा में शामिल होते जा रहे हैं। इस दौरान संकल्प शुक्ला अमर रहे, भारत माता की जय और वंदे मातरम जैसे नारे फिजां में गूंज रहे थे।

सुबह: 10.15 बजे

शहीद संकल्प की अंतिम यात्रा बरियातू हाउसिंग कॉलोनी के पास पहुंचती है। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए यहां पहले से ही लोगों का हुजूम फूल-माला लेकर खड़ा है। लोग शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। यहां सड़क के दोनों ओर कतार में खड़े लोग नम आंखों से अपने शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए खड़े हैं।

समय: 10.30 बजे

अंतिम यात्रा रिम्स गेट के पास पहुंचती है। यहां भी अपने शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। हर कोई संकल्प शुक्ला अमर रहेके नारे लगा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अंतिम यात्रा में इस कारवां में जुड़ जाते हैं। फिर कारवां आर्मी कैंट के पास पहुंचता है। यहां जिप्सी गाड़ी में बैठीं उनकी पत्नी, बेटी और ससुर को आर्मी की गाड़ी में बैठाया जाता है। शहीद की पत्नी प्रिया की आंखों से आंसुओं का सैलाब नहीं थम रहा है। ऐसा देख ट्रक पर मौजूद जवान अपने को रोक नहीं सके। उनकी नम आंखें बता रही हैं कि शहीद के खोने का उन्हें कितना गम है।

समय: 10.45 बजे

कारवां गवर्नर हाउस होते हुए रातू रोड की ओर बढ़ रहा है। यहां हजारों की संख्या में मौजूद लोग पुष्प वर्षा कर अपने शहीद को श्रद्धांजलि देते हैं। ऐसा लग रहा है मानो अपने वाल को अंतिम विदाई देने के लिए पूरी रांची एक जगह जमा हो गई हो। जब अंतिम यात्रा किशोरगंज चौक पहुंची तो यहां अपने संकल्प को देखने के लिए हर कोई लालायित है। सब की आंखें नम है। अंतिम यात्रा अब मुक्तिधाम के करीब पहुंच रही है।

समय: दिन के 11 बजे

शहीद संकल्प का पार्थिव शरीर ट्रक से उतारा जाता है। इसके बाद पार्थिव शरीर को हरमू मुक्तिधाम में रखा जाता है। यहां भी मंत्रियों, वरीय अधिकारियों और सेना के अधिकारियों का आने का सिलसिला जारी है।

समय : 11.15 बजे

मुक्तिधाम में शहीद संकल्प का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। राज्यपाल डॉ सैयद अहमद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, एमएलए रघुवर दास, मिनिस्टर गीताश्री उरांव और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुखदेव भगत समेत सेना व प्रशासन के वरीय अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। अब सेना के अधिकारी संकल्प के यूनिफॉर्म, तिरंगा और मेडल्स उनकी पत्नी प्रिया की हाथों में सौंप देते हैं। इस दौरान प्रिया दहाड़ मारकर रो पड़ती हैं।

समय : दिन के 11.40 बजे

शहीद संकल्प के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए रखा गया है। संकल्प के परिजनों को बुलाया जाता है। बेटी अंतिम संस्कार के सारे रस्म पूरी करती हैं। इस दौरान पत्नी प्रिया बार-बार अपने शहीद पति के चेहरे को देखना चाह रही हैं। परिजन बड़ी मुश्किल से प्रिया को वहां से हटा पाते हैं।

समय: दिन के 12.25 बजे

बेटी अपने पिता को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाती हैं।

समय: 12.29 बजे

सेना के जवान शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं।

समय: दिन के 12.33 बजे

जवानों ने अपने बंदूक को उल्टा कर शहीद संकल्प को अंतिम श्रद्धांजलि देते हैं।