रांची: एक ओर पान मसाला की बिक्री को लेकर बैन पर बैन लगता जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर नियमों को ताक पर रखकर इसका खुलेआम कारोबार करने वालों की संख्या भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। जी हां, सिटी में 11 प्रकार के पान मसालों की बिक्री और उसके सेवन पर प्रतिबंध लगा है। इसके बावजूद हर तरह का पान मसाला, सिगरेट बाजारों में आसानी से अवेलेबल है। कहीं चोरी-छिपे इसकी बिक्री हो रही है तो कहीं खुलेआम बेचा जा रहा है। सोमवार को व‌र्ल्ड नो टोबैको डे मनाया गया, जिसमें अलग-अलग संस्थानों में तंबाकू मुक्त समाज के निर्माण को लेकर शपथ ली गई। वहीं, जिन पान मसालों को स्वास्थ के लिए नुकसानदेह मानते हुए 2020 में प्रतिबंधित किया गया था, उसे स्वास्थ विभाग द्वारा फिर एक बार एक साल के लिए बैन कर दिया गया है। लेकिन अगले ही दिन राजधानी की दुकानों में प्रतिबंधित मसालों की बिक्री शुरू हो गई।

11 ब्रांड किया है बैन

स्वास्थ्य विभाग ने 11 तरह के पान मसालों को प्रतिबंधित किया है। लेकिन इनमें से कई पान मसालों की बिक्री हो रही है। मंगलवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने अलग-अलग इलाकों का रियलिटी चेक किया, जिसमें पान विक्रेताओं से प्रतिबंधित पान मसालों की डिमांड की गई। दुकानदार ने बिना इफ-बट के फौरन गुटखा और मसाला थमा दिया। अपर बाजार स्थित एक पान गुमटी वाले से दिलरूबा गुटखा की मांग की गई, उसने फौरन अंदर से निकाल कर दे दिया। बदले में पांच रुपए में बिकने वाली इस पुडि़या के लिए आठ रुपए वसूले। इस तरह सरकार द्वारा बैन लगाने के बाद पान मसाला दुकानदारों के लिए और ज्यादा कमाई का जरिया बन गया है। पहले की अपेक्षा हर तरह के पान मसाले और सिगरेट के दाम में बढ़ोतरी कर दी गई है। अपर बाजार में स्थित दूसरे दुकानदार से सिगरेट मांगने पर भी आसानी उपलब्ध करा दिया गया।

चोरी-छिपे कर रहे दुकानदारी

पान विक्रेता चोरी-छिपे दुकानदारी कर रहे हैं। कहीं गुमटी का आधा पार्ट खोल कर कारोबार हो रहा है, तो कहीं दुकानदार दुकान बंद कर अंदर में ही बैठ गए हैं और सिर्फ छोटा सा दरवाजा खोलकर व्यापार कर रहे हैं। राजधानी रांची में आंशिक लॉकडाउन है। सभी दुकानों को दो बजे तक बंद करने का आदेश है। जबकि असेंशियल सर्विस को छोड़कर अन्य किसी भी तरह की दुकान को खोलने की अनुमति नहीं है। लेकिन प्रशासन के ढुलमूल रवैये के कारण दुकानदारों में किसी डर का माहौल नहीं है।

हाईकोर्ट भी लगा चुका है फटकार

प्रतिबंध के बावजूद गुटखा और पान मसाले की खुलेआम बिक्री होने पर झारखंड हाईकोर्ट भी राज्य सरकार को फटकार लगा चुका है। कोर्ट द्वारा कर्मचारी को भेजकर गुटखा लाने को कहा गया था। दस मिनट में कर्मचारी ने पांच-छह ब्रांड का गुटखा लाकर दिखा दिया। कोर्ट ने कहा था राज्य में सस्ती दर पर मौत बिक रही है लेकिन प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। लोग अब भी गुटखा में जर्दा मिलाकर इसका सेवन कर रहे हैं। कोर्ट ने छह महीने पहले ही सरकार को गुटखा पर पूरी तरह से बैन लगाने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार इसमें भी सफल नहीं हो सकी।

पान विक्रेताओं को ट्रेड लाइसेंस

राजधानी रांची में पान विक्रेताओं को नगर निगम से लाइसेंस लेना जरूरी है। लेकिन शहर के पान विक्रेता इसमें जरा भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। एक आंकड़े के अनुसार, राजधानी में लगभग 5000 पान विक्रेता हैं, जिसमें सिर्फ 150 लोगों ने ही नगर निगम से लाइसेंस ले रखा है। लाइसेंस नहीं लेने वालों पर नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई तक नहीं की जाती है। इस वजह से दुकानदार इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। दरअसल पान विक्रेताओं को लाइसेंस लेने के लिए नगर निगम में दुकान से जुड़ी सभी जानकारी देनी होती है। इसलिए भी दुकानदार लाइसेंस लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

क्या है प्रावधान

प्रतिबंधित पान मसाला बेचने या पब्लिक प्लेस में स्मोकिंग करने पर कोटपा एक्ट के तहत सजा का प्रावधान है। पान दुकानों में गुटखा बेचने पर एक लाख रुपए फाइन एवं एक से तीन साल की सजा भी हो सकती है। इसके अलावा पब्लिक प्लेस में स्मोकिंग करने पर एक हजार रुपए जुर्माने का भी प्रावधान है। साथ ही एजुकेशनल इंस्टीटयूट, गवर्नमेंट ऑफिस, कोर्ट, हॉस्पिटल, मंदिर आदि के 100 गज के दायरे में तंबाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री पर बैन है। ऐसा करते पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राजधानी रांची में बीते एक साल में 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि 300 लोगों का चालान भी किया गया है।

कोटपा एक्ट के तहत सभी नियमों का पालन कराया जा रहा है। लगातार छापेमारी अभियान भी चलता रहता है। कई लोगों पर कार्रवाई भी हुई है। हमलोग समय-समय पर अवेयरनेस प्रोग्राम और काउंसेलिंग भी करते हैं। इसे और सख्ती से शहर में लागू किया जाएगा।

-डॉ राघवेंद्र नारायण शर्मा, जिला नोडल अफसर,

तंबाकू नियंत्रण इकाई रांची