- हरमू रोड में सरकती रही गाडि़यां - बंद कट्स से लंबा हुआ फेरा - जहां-जहां रास्ते बंद हुए, वहां भी नहीं मिल रही राहत ranchi@inext.co.in RANCHI (27 Nov) : दिन के ढाई बजे हैं। विभिन्न स्कूलों की ख्भ् बसें एक के बाद एक सड़क पर सरक रही हैं। रास्ते पर जितने कट्स थे, सभी को बंद कर दिया गया है, जिससे टू और फोर व्हिलर गाडि़यां जहां की तहां खड़ी हैं। लगभग आधे घंटे की मशक्कत के बाद धीरे-धीरे गाडि़यां बढ़ती हैं, फिर भी सड़क खाली नहीं होती। यह नजारा है हरमू नदी पर स्थित पुल से लेकर रातू रोड चौराहे तक का। लोग 'नो कट्स' की सरकारी पॉलिसी पर आग-बबूला हैं। उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है, जिससे होकर वे आगे निकल सकें। ट्रैफिक संभाल रहे पुलिसकर्मियों के भी पसीने छूट रहे हैं। लोग उनसे लगातार बकझक करते भी देखे गए, जिनकी हर मिन्नत-आरजू पुलिसकर्मियों के सामने बेकार जा रही होती है। रस्सी लगाकर बंद किया गया शनि मंिदर का कट 'नो कट्स' का सबसे बड़ा खामियाजा लोगों को हरमू रोड पर भी भुगतना पड़ रहा है। इस सड़क पर गाडि़यां ज्यादा हैं और रास्ता सिमट गये हैं। जो लोग रातू रोड से हरमू रोड में प्रवेश करते हैं, उन्हें हरमू पुल तक जाने और वहां से यू-टर्न लेने की मजबूरी है। दरअसल, सोमवार को स्कूली बसों के दबाव के कारण इतनी भीड़ बढ़ी कि गाड़ीखाना चौक स्थित शनि मंदिर के पास वाले कट को भी रस्सी लगाकर बंद कर दिया गया। इससे अपर बाजार के रास्ते से निकलकर पहाड़ी मंदिर जाने वाले लोगों को लाचारी में बायीं ओर मुड़ जाना पड़ा। फिर, वहां से एक किलोमीटर आगे जाकर हरमू पुल के पास से मुड़ना पड़ रहा था। हरेक की जुबान पर सिर्फ कट्स की बात हरमू रोड में जाम में फंसे एक-एक शख्स की जुबान पर सिर्फ कट्स की दास्तां थी। कोई इसे प्रशासन की मनमानी करार दे रहा था, तो कोई इस कदम को सरकार के लिए आत्मघाती बता रहा था। कई लोग ऐसे भी थे, जो हर तरह की मुसीबत झेलने के बावजूद बदलाव का समर्थन करते सुने गये। सिटी में जहां कहीं गाडि़यों की कतार दिखी, लोग सिर्फ नयी व्यवस्था के बारे में ही बात करते सुने गये।