रांची (ब्यूरो) । ब्रह्माकुमारी संस्थान में द्वादश ज्योर्तिंलिंगम त्रिदिवसीय मेला का आयोजन किया गया है$ दाप तले के पपयफल की सहज प्राप्ति करने के लिए कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए समाजसेवी रेवती रमण प्रसाद ने कहा एक ही यात्रा से 12 इस आध्यात्मिक मेले में अवश्य आना चाहिए$ शिव को मुक्तेश्वर और पापकटेश्वर कहा जाता है$ शिव आशुतोष हैं$ शिव परमात्मा जल्दी और सहज ही उच्च वरदान देने वाले हैं$ इसी भावना को लेकर शिव पर जल चढ़ाते हैं और उनकी पूजा करते हैं$ परंतु जीवन भर रोज शिव की पूजा करते रहने

पर तथा हर वर्ष श्रद्धापूर्वक शिवरात्रि पर जागरण, व्रत इत्यादि करने पर भी मनुष्य के पाप और संताप क्यों नहीं मिटते, उसे मुक्ति और शक्ति क्यों नहीं प्राप्त होती और ना ही उसे अमर वरदान मिलता$

सहज विधि क्या है

उन्होंने कहा कि अखिर शिव को प्रसन्न करने की सहज विधि क्या है$ इसके लिए हमें अपने मनोविकारों को दूर करने की आवश्यकता है$ विकारों को दूर करने में राजयोग का अभ्यास हमारी सहायता करता है$ विकास विजयवर्गीय, समाजसेवी ने कहा कि शिवरात्रि के अवसर पर शिव की पूजा की जाती है इसके पीछे का रहस्य यह है कि कलियुग के अंत में जब सभी मनुष्यात्माएं घोर अज्ञान में फंस

कर दुखी हो जाते हैं तब परमात्मा धरती पर अवतरित हो ज्ञान रूपी सोम अथवा अमृत पिलाते हैं$ केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि हर व्यक्ति को देव मंदिर डंगराटोली चौंक में स्थित इस मेले में आकर आध्यात्मिक लाभ लेना चाहिए$ शिव पर तो अक-धत्रा ही चढ़ाया जाता है$ संकटमोचन महाकालेश्वर परमात्मा शिव ने मानवता के कल्याणार्थ हलाहल पान किया था$ आज वे पुन: सृष्टि पर विकारों का विषपान कर रहे हैं।