RANCHI: रिम्स में अल्ट्रासाउंड कराना जंग जीतने से कम नहीं है। नंबर नहीं लगा पाए तो फिर जांच के लिए लंबा इंतजार करना ही होगा। जब रिपोर्ट लेने जाइए तो पता चलता है कि रिपोर्ट बनी ही नहीं है। आखिर बिना रिपोर्ट के डॉक्टर को कैसे दिखाएंगे। स्टाफ कहता है कि रिपोर्ट कल आकर लेना। यह कहना है मंजीत का। वहीं, सुजीत कुमार, राजकुमार समेत अन्य कई मरीज के परिजनों का भी यही रोना है।

समय पर नहीं हो पा रहा इलाज

एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री रिम्स में व्यवस्था सुधरने का दावा कर रहे हैं। वहीं रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉक्टरों की मनमानी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। आलम यह है कि मरीजों का समय से इलाज तक नहीं हो पा रहा है। जबकि कोई मरीज रांची से तो कोई ख्00 किलोमीटर दूर से इलाज कराने आ रहा है। डिपार्टमेंट के चक्कर लगा-लगाकर मरीज की बीमारी बढ़ रही है, लेकिन इससे डॉक्टरों को कोई फर्क नहीं पड़ता।

जूनियर नहीं दे पा रहे रिपोर्ट

रेडियोलॉजी के अल्ट्रासाउंड डिपार्टमेंट में मरीज काफी परेशान हैं। एक तो अल्ट्रासाउंड के लिए नंबर ऊपर से जांच में लंबा समय लग रहा है। चूंकि अल्ट्रासाउंड में जांच की जिम्मेवारी जूनियर डॉक्टरों के कंधे पर है। सीनियर डॉक्टर्स आते तो हैं लेकिन सिर्फ ड्यूटी बजाकर निकल जाते हैं। ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स मरीज की सही रिपोर्ट नहीं दे पाते हैं और उन्हें दोबारा बुलाया जाता है। जूनियर डॉक्टरों को एक्सपीरिएंस नहीं होने के कारण वो मरीजों को बार-बार एक ही टेस्ट के लिए बुला रहे हैं।

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एक तो टेस्ट कराने में काफी टाइम लग रहा है। ऊपर से मरीज को एक ही टेस्ट के लिए बार-बार दौड़ाया जा रहा है। कभी कहते हैं कि सिटी स्कैन की रिपोर्ट डॉक्टर ने नहीं देखी है, तो कभी कहते हैं कि डिस्कशन के बाद रिपोर्ट बनाई जाएगी। इस चक्कर में मरीज की हालत और खराब हो जा रही है। डॉक्टरों को यह तो समझना चाहिए कि मरीज दूर-दूर से इलाज के लिए आते हैं।

सुजीत कुमार

थोड़ा लेट होने पर तो नंबर ही नहीं लगाया जाता है। इसके लिए भी कोई व्यवस्था होनी चाहिए। एक दिन में रिपोर्ट देने की बजाय बार-बार दौड़ा रहे हैं। मरीज को बार-बार लाने- ले जाने में काफी परेशानी होती है। हमलोगों के पास तो इतने पैसे भी नहीं है कि बाहर में टेस्ट करा लें। इंतजार करने के अलावा कोई चारा भी नहीं है। प्रबंधन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

राजकुमार

रिम्स में अल्ट्रासाउंड कराना जंग जीतने जैसा है। क्योंकि नंबर नहीं लगा पाए तो फिर तो जांच के लिए लंबा इंतजार करना ही होगा। इसके बाद जब रिपोर्ट लेने गए तो पता चला कि रिपोर्ट ही नहीं बनी है। आखिर बिना रिपोर्ट के डॉक्टर को कैसे दिखाएंगे। स्टाफ कहता है कि रिपोर्ट कल आकर लेना।

मंजीत

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इस तरह की कोई कंप्लेन मुझे नहीं मिली है। अगर कोई कंप्लेन आती है तो उसे देखा जाएगा। शुक्रवार को मैं डिपार्टमेंट से इस बारे में जानकारी लूंगा।

-डॉ। गोपाल श्रीवास्तव, डिप्टी सुपरिटेंडेंट, रिम्स