रांची(ब्यूरो)। राशन डीलर से सामान लेनेवाले अधिकतर लोगों की यह शिकायत रहती है कि डीलर पूरा माल नहीं तौलते हैं। लोगों की यह परेशानी अब जल्द ही दूर होगी। जन वितरण प्रणाली की दुकानों से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत जरूरतमंद लाभुकों को दिए जाने वाले खाद्यान्न की चोरी रोकने के उद्देश्य से जन वितरण प्रणाली की दुकानों को इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीनें दी गई है। इस मशीन को पीडीएस दुकानों के पास खाद्यान्न वितरण के लिए पूर्व से उपलब्ध ई पॉश मशीन से जोडऩा है और तब खाद्यान्न का वितरण किया जा सकता है। नई वेइंग मशीन की खासियत यह है कि लाभुक को दिए जाने वाले खाद्यान्न की मात्रा की कमी या ज्यादा होने पर यह काम नहीं करेगी।

तो मशीन पर रखकर तौलना होगा

किसी लाभुक को अगर 35 किलो अनाज मिलना है, तो 35 किलो अनाज मशीन पर रखकर तौलना पड़ेगा। उसके बाद ही लाभुक का अंगूठा लेने का ऑप्शन आएगा। किसी को उसके नाम पर आवंटित खाद्यान्न से अधिक का तौल नहीं किया जा सकता है। पूरे सिस्टम को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया गया है। किस-किस लाभुक के नाम पर और कितने अनाज का वितरण पीडीएस दुकान से किया गया, इसे जिला में बैठे अधिकारी से लेकर राजधानी तक में भी पलक झपकते जाना जा सकेगा।

आवंटन में की जाएगी कटौती

विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि महीने में पीडीएस दुकानदार द्वारा उठाए गए अनाज में से कम वितरण किया जाता है तो अगले महीने उसके आवंटन में कटौती हो जाएगी। बहरहाल गुमला जिला अंतर्गत सभी पीडीएस दुकानों को यह मशीन उपलब्ध करा दी गई है। रांची जिला अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की पीडीएस दुकानों में यह लागू होगा। नई व्यवस्था से पीडीएस दुकानदार अनाज की हेराफेरी नहीं कर पाएंगे। ऑनलाइन सिस्टम होने के कारण किसी ने गड़बड़ी की तो मुख्यालय में बैठे अधिकारी भी इसे देख सकेंगे।

आपूर्ति विभाग के एक पदाधिकारी ने कहा कि लाभुकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार अपने स्तर से उपाय करती है। इस व्यवस्था के तहत लाभुक के नाम पर कोई चिटिंग नहीं चलेगी। खाद्यान्न वितरण का प्रोसेस तभी पूरा होगा जब उसके नाम पर निकलने वाले अनाज की पूरी तौल हो जाएगी।

78 डीलरों का पता नहीं

जिले के दर्जनों डीलरों का कोई अता पता नहीं चल पा रहा है। ये पीडीएस डीलर कहां हैं इसकी जानकारी जिला प्रशासन को भी नहीं है। हालांकि, काफी मशक्कत के बाद 33 पीडीएस डीलरों को पता चला। जिला आपूर्ति कार्यालय ने इन 33 पीडीएस डीलरों का लाईसेंस रद्द कर दिया है। शेष 78 डीलरों को ढूंढा जा रहा है। ये सारे लोगों की जिले में किसी प्रकार की गतिविधि भी नहीं दिख रही है। न ही इनके द्वारा अनाज का उठाव ही किया जा रहा है। इन पीडीएस डीलरों से जुड़े लाभुकों को दूसरे पीडीएस डीलरों से टैग कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने 33 पीडीएस डीलरों के खिलाफ अनियमितता का भी आरोप लगा था।