रांची(ब्यूरो)। सिटी में लगाए गए स्मार्ट बिन वर्कलेस साबित हो रहे हैं। इन स्मार्ट बिल में न तो सेंसर लगाए गए हैं और न ही गीला और सूखा कचरा को अलग करने की कोई व्यवस्था की गई है। स्मार्टबिन पर गीला व सूखा कचरा का स्टीकर लगा कर महज खानापूर्ति कर दी गई है। सिटी में स्मार्ट बिन को जोन्टा इंफ्रा नामक एजेंसी ने लगाया है, लेकिन एजेंसी नगर निगम से किए गए समझौते का उल्लंघन कर रही है, जिससे नगर निगम बेहद नाराज है और एजेंसी को टर्मिनेट करने की चेतावनी भी दी है। मालूम हो कि नगर विकास विभाग के निर्देश पर शहरी क्षेत्रों में स्मार्टबिन लगाने और उसकी सफाई के लिए नगर निगम ने एजेंसी के साथ समझौता किया है। एजेंसी ने सिटी के विभिन्न स्थानों पर 222 स्मार्ट बिन लगाए हैैं।

सफाई की ठोस व्यवस्था जरूरी

रांची को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है। स्मार्ट सिटी में साफ-सफाई समेत अन्य सुविधाएं जरूरी हैं, कचरे का उठाव, डस्टबिन और कचरे का निस्तारण सही ढंग से होना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। सिटी को साफ-सफाई को स्मार्ट बनाने के लिए ही जोन्टा इंफ्रा एजेंसी का चयन किया गया था, लेकिन एजेंसी ने अब तक डीपीआर और समझौते का पालन नहीं किया।

नहीं किया फिजिकल सर्वे

स्मार्ट बिन लगाने से पूर्व एजेंसी को रांची में विभिन्न स्थानों का फिजिकल सर्वे कराना था, लेकिन एजेंसी ने सर्वे नहीं किया और जहां-तहां स्मार्ट बिन लगा दिया। इसके अलावा स्मार्टबिन की सफाई के लिए एजेंसी को हरेक स्मार्टबिन में सेंसर लगाना था, ताकि कचरा भरने के बाद कंट्रोल रूम को मैसेज मिल सके। लेकिन एजेंसी की ओर से अब तक न तो स्मार्टबिन में सेंसर लगाने का काम पूरा किया गया और न ही कंट्रोल रूम स्थापित की गई।

हुक लोडर की व्यवस्था की नहीं

स्मार्ट डस्टबिन से कचरा उठाने के लिए एजेंसी को पर्याप्त संख्या में हुक लोडर की व्यवस्था करनी थी, लेकिन एजेंसी के पास अब तक हुक लोडर की व्यवस्था नहीं है। स्मार्टबिन की सफाई के लिए रांची नगर निगम की ओर से उपलब्ध कराए गए हुक लोडर व कॉम्पैक्टर का भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। एजेंसी की ओर से स्मार्टबिन की सफाई 22 छोटे-बड़े वाहनों के माध्यम से कराई जा रही है, जो मैन्युअली हंै। एजेंसी के पास फिजिकल व टेक्निकल संसाधन नही हैं।

कंपनी के भुगतान पर रोक

मेयर आशा लकड़ा ने एजेंसी को चेतावनी देते हुए निगम के अधिकारियों से एजेंसी को एक माह का समय देने को कहा है। यदि तय समय सीमा के भीतर एजेंसी ने डीपीआर और समझौते की शर्तों को पूरा नहीं किया तो टर्मिनेशन नोटिस जारी किया जाएगा। वहीं निगम ने एजेंसी को किए जा रहे भुगतान पर भी तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है। निगम का कहना है कि जोन्टा इंफ्रा का चुनाव नगर विकास विभाग के जरिए किया गया था न कि रांची नगर निगम ने किया था।

स्मार्ट बिन लगाने वाली एजेंसी जोन्टा इंफ्रा को बिन में सेंसर लगाने के लिए कहा गया है। कंपनी का कुछ पेमेंट का इश्यू है। इसे लेकर निगम के उप नगर आयुक्त को कहा गया है। जल्द इस मामले को ठीक कर लिया जाएगा।

शशि रंजन, नगर आयुक्त, रांची नगर निगम