रांची(ब्यूरो)। हफ्ते भर से मनाया जा रहा वेलेंटाइन वीक का आज अंतिम दिन है। रोज डे से शुरू हुआ यह सफर प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे से होता हुआ वेलेंटाइन डे तक पहुंच चुका है। आज लव बड्र्स अपने-अपने तरीके से इस खास पल को सेलिब्रेट करेंगे। केक काट कर और एक दूसरे को गिफ्ट देकर इसे यादगार बनाया जाएगा। मैरेड कपल्स ने भी वेलेंटाइन डे सेलिब्रेशन की पूरी तैयारी कर ली है। केक शॉप के ओनर ने बताया कि करीब 300 केक सिर्फ वेलेंटाइन थीम पर तैयार करने का आर्डर आया है। हार्ट शेप में और डिफरेंट डिजाइन से केक रेडी कराया गया है। इसके अलावा कार्ड और गिफ्ट शॉप में भी लोग अपने वेलेंटाइन को गिफ्ट देने के लिए शॉपिंग करते दिखे। हर कोई इसे मेमोरेबल बनाना चाहता है।
सिनेमा व इंटरनेट से प्रचलन
करीब 30 पहले तक वेलेंटाइन डे नामक यह इवेंट कोई ज्यादा प्रचलित नहीं था, और न ही ज्यादा लोग इसे सेलिब्रेट करते थे। बीते 20 से 25 सालों में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है। खासकर भारत और रांची जैसे छोटे से शहर में वेलेंटाइन वीक न के बराबर मनता था। हालांकि विदेशों में जरूर इसे सेलिब्रेट किया जाता है। आज घर-घर यह इवेंट पहुंच चुका है। इसके पीछे का सबसे बड़ा का कारण सिनेमा और इंटरनेट है। सिनेमा ने जहां लोगों को इश्क, प्यार-मोहब्बत की दुनिया से रूबरू कराया वहीं इंटरनेट ने वेलेंटाइन डे को चुपके से घर-घर तक पहुंचाने का काम किया। एक महीने पहले से ही वेलेंटाइन डे को लेकर स्टोरी और पोस्ट सोशल मीडिया पर घूमने लगते हैं। कब-कब क्या होना है इसकी पूरी जानकारी इंटरनेट की मदद से मोबाइल फोन तक पहुंच जाती है, जिसके बाद यंग जेनरेशन इसकी तैयारी में लग जाता है।
फिल्मों ने बनाया लोकप्रिय
1970 से 2000 के बीच कई रोमांटिक फिल्में बनीं, जिसमें प्यार, मोहब्बत की कहानी दिखाई गई। वैसे तो बॉलीवुड में बनने वाले 90 प्रतिशत फिल्म प्यार, ईश्क और मोहब्बत पर ही आधारित होते हैं। युवाओं को प्यार करने की राह फिल्में ही दिखाती है। प्यार में जीने-मरने से लेकर कुछ भी कर गुजरने और अपने प्यार को हासिल करने की कहानी रूपहले पर्द पर देख युवा भी इससे प्रभावित होते गए। रील लाइफ के अलावा रियल लाइफ में भी ऐसे हजारों लव स्टोरी हैं, जो सक्सेस हुईं। राजधानी रांची में भी कई कपल्स हैं जिन्होंने प्यार किया और फिर शादी कर उसे अपना जीवन साथी बना लिया।
रांची में वेलेंटाइन डे की दस्तक
राजधानी रांची में वेलेंटाइन डे का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। हाल के वर्षों में ही इसे ज्यादा लोकप्रियता मिली है। जब हर घर टीवी, मोबाइल फोन और इंटरनेट पहुंच गया है। इसके बाद युवाओं का जुड़ाव बाहरी दुनिया से हुआ, जिसके बाद वेलेंटाइन नामक यह इवेंट मनाया जाने लगा। यूथ तो इसे फेस्टिवल की तरह सेलिब्रेट करने लगे हैं। प्रेमी जोड़ों का तो कहना है कि साल भर इस दिन का इंतजार रहता है। वेलेंटाइन डे के मौके पर अपने प्यार को सरप्राइज गिफ्ट देना ज्यादा अच्छा लगता है। युवाओं की जरूरत पूरी करने के लिए बाजार तैयार है। पसंद के अनुसार कार्ड, गिफ्ट, टेडी, केक, रोज, चॉकलेट इत्यादि सबकुछ बाजारों में अवेलेबल हैं। इस इवेंट को अब बाजार के नजरिए से भी बेहतर माना जाने लगा है।
क्या कहते हैं यूथ
वेलेंटाइन डे तो हर प्रेमी जोड़े सेलिब्रेट करते हैं। इसे घर के फैमिली मेंबर के साथ भी सेलिब्रेट किया जा सकता है। यह त्योहार प्यार का संदेश देता है।
- अमिशा

यह तो सही है कि वेलेंटाइन डे का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। कुछ साल पहले तक तो मैं भी नहीं जानता था। स्कूल-कॉलेज जाने के बाद मालूम हुआ कि ऐसा भी कुछ फेस्टिवल मनाया जाता है।
- अंकित रंजन

प्यार-मोहब्बत को आगे बढ़ाने में हिंदी सिनेमा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। और प्यार को जाहिर करने के लिए वेलेंटाइन वीक एक बेहतर मौका है। आज हर कोई इससे वाकिफ हो चुका है। लव बड्र्स तो इसे एंज्वाय करते ही हैं।
- सौरभ

इंटरनेट की मदद से भी काफी नई-नई चीजें जानने का अवसर मिल रहा है। लोग देश और दुनिया से सीधे जुड़ सकते हैं। इंटरनेट ने ही लोगों को वेलेंटाइन से परिचय कराया है।
- करण