RANCHI : टाटा एक्सप्रेस के नाम से फेमस वरूण एरॉन शायद उतने खुशकिस्मत नहीं है, तभी तो टीम इंडिया में होने के बाद भी उन्हें ट्वेंटी-ख्0 व‌र्ल्ड कप के एक भी मैच में प्लेइंग-क्क् में शामिल होने का मौका नहीं मिला। बांग्ला देश की मेजबानी में आयोजित ट्वेंटी-ख्0 व‌र्ल्ड कप में झारखंड का यह तेज गेंदबाज सिर्फ पेवेलियन में टीम इंडिया का हिस्सा बनकर बैठा रहा। प्रैक्टिस सेशन में प्लेयर्स को प्रैक्टिस करानेवाले इस गेंदबाज को इंटरनेशनल ट्वेंटी-ख्0 मैचेज में अपनी तेज और स्विंग गेंद फेंकने का मौका ही नहीं मिला। ट्वेंटी-ख्0 व‌र्ल्ड कप के फाइनल में श्रीलंका के हाथों टीम इंडिया को मिली पराजय के बाद वरूण एरॉन को मौका नहीं दिए जाने के कैप्टन महेंद्र सिंह धौनी व टीम मैनेजमेंट के फैसलों पर सवाल उठने लगे हैं।

एशिया कप में सिफर् एक मैच

डोमेस्टिक क्रिकेट में अपनी शानदार गेंदबाजी से टीम इंडिया में जगह बनाने वाले वरूण एरॉन को इंटरनेशनल लेवल पर बहुत मैचेज खेलने का मौका नहीं मिल रहा है। ट्वेंटी-ख्0 व‌र्ल्ड कप के पहले हुए एशिया कप के लिए भी वे टीम इंडिया के मेंबर थे। कैप्टन कोहली ने चैंपियनशिप में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में एरॉन को प्लेइंग-क्क् में तो लिया तो बहुत गेंदें फेंकने का मौका नहीं मिला। पूरे मैच में महज तीन गेंद ही वे फेंक पाए। इसके बाद तो एशिया कप के किसी भी मैच में वरूण को बॉलिंग करने का मौका ही नहीं मिला।

एक गलती की सजा

बांग्ला देश में हुए एशिया कप में बांग्ला देश के खिलाफ मैच में वरूण की एक असमान्य गेंद से मेजबान टीम के कैप्टन इंजर्ड हो गए थे। बांग्लादेश के कैप्टन को लगी चोट के लिए वरुण को दोषी मानते हुए दो मैचेज के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि, इसके बाद भी टीम इंडिया को और मैचेज खेलने का मौका मिला, पर वरूण को प्लेइंग-क्क् में जगह नहीं दी गई।

सेलेक्शन का फिर क्या मतलब?

चाहे इंटरनेशनल क्रिकेट हो या डोमेस्टिक। जब भी वरूण एरॉन को ग्राउंड पर उतरने का मौका मिला, उन्होंने अपनी बॉलिंग से अपोजिट टीम को परेशान किया है। वरूण की गेंदों में स्पीड और स्विंग का बेहतरीन समन्वय है। हालांकि, चोट की वजह से वे करीब दो साल तक क्रिकेट से दूर रहे, पर चोट से उबरने के बाद जब उन्होंने वापसी की तो अपनी गेंदों से टीम इंडिया के सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर अट्रैक्ट किया। यही वजह थी कि न्यूजीलैंड टूर, एशिया कप और ट्वेंटी-ख्0 व‌र्ल्ड कप के लिए चुनी गई टीम में वे जगह बनाने में कामयाब रहे। हालांकि, इन तीनों ही टूर्नामेंट्स में वरूण को ज्यादा मैचेज खेलने का मौका नहीं मिला।