रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची की स्मार्ट सिटी में बनने वाले आशियाने के लिए अभी लोगों को और इंतजार करना होगा। क्योंकि स्मार्ट सिटी के अंदर जिन लोगों को जमीन मिली है, उनकी जमीन की रजिस्ट्री अब तक नहीं हुई है। वहां विष्णु अग्रवाल की कंपनी द्वारा भी आशियाने के लिए जमीन ली गई है, अब उसकी सभी जमीन जांच के दायरे में आ चुकी है। ऐसे में जो लोग यहां अपने लिए आशियाना लेने का ख्वाब देख रहे हैं उनको अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

आठ साल पूरा हो गया

केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट सिटी के आठ वर्ष पूरे हो रहे हैं। घोषणा के एक वर्ष बाद ही रांची का चयन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए हो गया था। नगर विकास विभाग व नगर निगम के अधिकारियों ने पांच वर्षों में रांची धुर्वा में 656 एकड़ जमीन पर स्मार्ट सिटी विकसित करने और पैन सिटी में लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया था, लेकिन यह कागजी ही रह गया। अब भी काम धीरे-धीरे ही चल रहा है।

850 करोड़ हुए खर्च

एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी)में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए काम चल रहा है। स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने अब तक करीब 850 करोड़ रुपए खर्च भी कर दिए, लेकिन आम आदमी को इसका कोई फायदा नहीं हुआ है। क्योंकि, स्मार्ट सिटी में डेवलपर को अलॉट की गई 57 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री अब तक नहीं हुई है। अभी भी डेवलपर जमीन रजिस्ट्री का इंतजार ही कर रहे हैं, जबकि डेवलपर ने स्मार्ट सिटी को पैसा जमा भी कर दिया है।

पांच हजार फ्लैट बनने हैं

आम लोगों के लिए प्रस्तावित 5 हजार फ्लैट्स का निर्माण शुरू नहीं हो पाया। पैन सिटी में स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने के लिए 146 करोड़ रुपए की लागत से कमांड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेंटर बनाकर चौक-चौराहों पर स्मार्ट ट्रैफिक लाइट लगाई गई। यह प्रोजेक्ट काम कर रहा है।

सिर्फ 10 प्लॉट का हुआ ऑक्शन

धुर्वा के एडीबी एरिया में जमीन बेचने का प्लान बनाकर छोड़ दिया। यहां 656 एकड़ में 278 एकड़ जमीन का ऑक्शन करके करीब 1200 करोड़ रुपए कमाने की योजना बनाई गई। सब कुछ जमीन के ऑक्शन पर निर्भर हो गया। 51 में मात्र 10 प्लॉट का ही ऑक्शन हुआ है। वह भी अपना काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं।

बड़ी-बड़ी प्लाटिंग

कॉमर्शियल और मिक्स्ड यूज के प्लॉट की कीमत 10 से 13.14 करोड़ रुपए प्रति एकड़ रखी गई है। प्लॉट का क्षेत्रफल काफ अधिक होने की वजह से निवेशक आगे नहीं आए। आवासीय प्लॉट की कीमत कम थी, इसलिए सभी आवासीय प्लॉट बिक गए।

फाइव स्टार होटल व हॉस्पिटल भी बनेगा

यहां चेन्नई अपोलो ग्रुप का एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल भी खुलेगा। कॉर्पोरेशन ने नगर निगम से पूर्व में हॉस्पिटल प्रबंधन के साथ हुए समझौते की जानकारी मांगी है। 2013 में हॉस्पिटल प्रबंधन को डोरंडा के घाघरा में हॉस्पिटल के लिए जमीन दी गई थी, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने उक्त जमीन पर अपना दावा करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। यहां एक पांच सितारा होटल भी बनेगा। मिक्स्ड यूज जमीन पर होटल का निर्माण होगा।

फैक्ट फाइल

-191 करोड़ की लागत से अर्बन सिविक टॉवर स्मार्ट सिटी परिसर में बनना है।

-रांची स्मार्ट सिटी राज्य की पहली मॉडर्न टाउनशिप होगी, क्योंकि यहां लोगों को 24 घंटे बिजली, पानी व सफ ाई की सुविधा मिलेगी।

-हर भवन से निकलने वाले गंदे पानी के लिए सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम बना है। यहां इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी।

-सेहत सुधारने के लिए 21 किमी लंबा साइकिल ट्रैक और फुटपाथ भी बनाया जाएगा

-लैंड डेवलपमेंट, विभिन्न कैटेगरी की सड़क, वाटर सप्लाई, री-यूज वाटर सप्लाई, सीवरेज एंड सैनिटेशन, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज, स्ट्रीट लाइटिंग, गैस इंसुलेटेड पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन लाइन वाटर रिजर्व वायर भी लगेगा।

-स्मार्ट सिटी के 8 प्लॉट की 57 एकड़ आवासीय व मिक्स्ड यूज जमीन विभिन्न डेवलपर ने ली है।

- डेवलपर ने पिछले वर्ष ही जमीन की नीलामी की पूरी राशि दे दी, लेकिन अभी तक रजिस्ट्री नहीं हुई है।

-एचईसी प्रबंधन द्वारा जमीन का एनओसी जारी नहीं किया गया है।