रांची (ब्यूरो)। पब्लिक प्रॉपर्टी की बर्बादी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार और उसके सभी विभागों को एसेट्स का मेनटेनेंस और इस्तेमाल करना सीखना होगा। लापरवाही से करोड़ों की संपत्ति को बिना इस्तेमाल किए ही बर्बाद कर देना अच्छी बात नहीं है। नगर निगम हो या रिम्स, फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट हो या पुलिस विभाग एसेट्स का सदुपयोग करना चाहिए। ये बातें शनिवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रांची कॉलिंग वेबिनार में सिटी के इंडस्ट्रियलिस्ट्स, सोशल वर्कर्स समेत संजीदा लोगों ने कहीं। बता दें कि डीजे आईनेक्स्ट ने एसेट्स की बर्बादी को लेकर हफ्ते भर से हमारे पैसे की बर्बादी क्यों ड्राइव चलाया। इस क्रम में विभिन्न विभागों की लापरवाही से करोड़ों के एसेट्स की बर्बादी का खुलासा हुआ। अभियान के आखिरी दिन लोगों ने सरकार और तमाम विभागों को एसेंट्स के मेनटेनेंस व इस्तेमाल का पाठ पढ़ाया। जानते हैं लोगों की क्या है राय।

1. सरकारी प्रॉपर्टी सहेज कर रखें
सरकार जो भी सामान की खरीदारी करती है वो जनता के पैसे से खरीदा जाता है। जिस सामान की खरीदारी जिस मकसद से की गई है, उसका उपयोग जरूर होना चाहिए। यह देखा गया है कि देखरेख के अभाव में कई बड़े-बड़े इक्विपमेंट्स खराब हो गए। अगर थोड़े बहुत खर्च करके इनको काम में लाया जा सकता है तो आम लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। सरकार के राजस्व की भी बचत होगी। राजधानी रांची में ही कई ऐसे विभाग हैं, जहां कई महंगे इक्विपमेंट्स बर्बाद हो गए। इनको ठीक-ठाक करके काम में लाने की जरूरत है।
किशोर मंत्री, चेयरपर्सन, एफजेसीसीआई

2. सड़क पर नहीं हैं गाडिय़ां
सरकार करोड़ों रुपए खर्च करके सामानों की खरीदारी तो करती है लेकिन इसको सहेज कर नहीं रखती है। रांची नगर निगम में ही सफाई करने के लिए कई गाडिय़ां खरीदी गईं। लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई सिटी बसें खरीदी गईं, लेकिन बहुत सारी गाडिय़ां थोड़ी बहुत मेनटेनेंस के अभाव में सड़क पर नहीं आ पा रही हैं। नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों ने इस पर ध्यान देना छोड़ दिया है। नतीजा यह हुआ कि धीरे-धीरे यह गाडिय़ां और खराब होने लगीं। अगर समय रहते इनका थोड़ा-बहुत मेनटेनेंस कर दिया जाता तो आज भी गाडिय़ां काम करने लायक हो जातीं। सड़क पर सिटी बसें भी कम हो गई हैं और सफाई करने वाली गाडिय़ां भी कम नजर आती हैं। इसलिए नगर निगम अब कोई भी गाड़ी खरीदे तो उसकी देखभाल जरूर करे।
सुनिल कुमार, सोशल वर्कर

3. पब्लिक के पैसे की बर्बादी
सरकार जो भी काम करती है या जो भी इक्विपमेंट्स खरीदती है वह पब्लिक के पैसे से ही खरीदती है। रांची शहर में ही कई जगह पाइपलाइन रखी पड़ी हैं। कई जगह गाडिय़ां खराब पड़ी हुई हैं। अगर समय पर इनकी देखभाल कर ली जाती तो यह नौबत नहीं आती। नेपाल हाउस और प्रोजेक्ट बिल्डिंग में तो कई ऐसी गाडिय़ां खड़ी हैं जो बहुत पुरानी नहीं हैं, लेकिन समय पर मेनटेनेंस नहीं होने और थोड़े बहुत काम नहीं कराने के कारण अब वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों ने इन गाडिय़ों की नीलामी की भी नहीं सोची, अगर नीलाम हो जातीं तो सरकार को कुछ राजस्व तो प्राप्त हो जाता।
-सूफिया, सोशल वर्कर


4. मेनटेनेंस है जरूरी
सरकार महंगे सामान खरीदने के लिए तो जानी जाती है लेकिन उसकी देखरेख करने से परहेज करती है। रांची शहर में कई ऐसे सरकारी विभाग हैं, जहां सामान तो खरीद लिया गया है, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। फायर सेफ्टी विभाग की गाडिय़ां विभाग के कार्यालय में धूल फांक रही हैं, जबकि शहर में कोई बड़ी अगलगी होने पर लोग गाडिय़ों का इंतजार करते रहते हैं। अगर समय पर इन गाडिय़ों को ठीक कर लिया जाता तो परेशानी नहीं होती। हम लोगों को आए दिन यह सुनने में आता है कि करोड़ों रुपए में अग्निशमन विभाग नई गाडिय़ां खरीदने की तैयारी कर रहा है।
-कुमुद झा, सोशल वर्कर


मेनटेनेंस खर्च की हो रही ऑडिटिंग, शुरू होगा प्लांट
रिम्स में सरकार ने सोलर रूफटॉप पावर प्लांट लगाया है। वर्तमान में इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। रिम्स एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से सोलर पावर प्लांट की ऑडिटिंग कराई जा रही है। इसमें यह देखा जाएगा कि सोलर पावर का इस्तेमाल करने पर कितना खर्च आएगा और इसकामेनटेनेंस करके शुरू करने में कितना खर्च आएगा। टीम इस पर काम कर रही है। रिपोर्ट आते ही इस पर आगे का काम शुरू होगा। ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए रिम्स प्रशासन प्रतिबध है और आने वाले दिनों में जल्द ही रिम्स में जो रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाया गया है, इससे रिम्स में बिजली का इस्तेमाल किया जाएगा।
-राजीव कुमार, पीआरओ, रिम्स रांची