रांची(ब्यूरो)। बिना हेलमेट यदि ड्राइविंग करते पकड़े गए तो अब ऐसे युवाओं के पेरेंट्स को ढूंढा जाएगा। खासकर स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स एवं 18 साल से कम उम्र के बच्चे यदि बिना हेलमेट बाइक-स्कूटी चलाते दिखे या फिर ट्रिपल राइड करते दिखेंगे तो उनके पेरेंट्स के पास फोन चला जाएगा। बिना हेलमेट और ट्रिपल राइड करने वाले युवाओं और स्कूली बच्चों की आदत में सुधार लाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। ट्रैफिक विभाग की मानें तो ऐसे बच्चों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ट्रैफिक एसपी ने बताया कि अब शहर में नियमित अभियान चलाया जाएगा। बिना हेलमेट और ट्रिपल राइड करते पकड़े गए स्कूली बच्चों के अभिभावकों को इसकी तत्काल जानकारी दी जाएगी। अभिभावकों को बताया जाएगा कि उनके बच्चे किस स्थान पर हैं और बिना हेलमेट ट्रिपल राइड करते पकड़े गए हैं।

पेरेंट्स को करेंगे अवेयर

अभिभावकों को भी बच्चों को ट्रिपल राइड नहीं करने देने और बिना हेलमेट दो पहिया वाहन नहीं देने के प्रति अवेयर किया जाएगा। यह अभियान शहर के बाहरी इलाकों और रिंग रोड पर भी चलाया जाएगा। जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण कुमार प्रकाश ने इसकी पहल की है और पिछले दिनों जांच के दौरान बिना हेलमेट ट्रिपल राइड के पकड़े गए स्कूली बच्चों के अभिभावकों को इसकी जानकारी भी दी। इसके बाद अभिभावकों ने जानकारी देने के लिए आभार जताया और बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने का भरोसा भी दिया है। दरअसल लगातार हो रहे सड़क हादसों को कंट्रोल करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

पकड़े गए कई स्टूडेंट्स

गौरतलब हो कि हाल के दिनों में वाहन चेकिंग अभियान के दौरान बाइक-स्कूटी पर स्कूल यूनिफॉर्म में कई स्टूडेंट को पकड़ा गया। उनके पास लाइसेंस भी नहीं था। हालांकि उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। लेकिन अभिभावकों तक यह बात पहुंचाने और खुद से अपने बच्चों पर नजर रखने को कहा जाएगा। मालूम हो कि रोड एक्सीडेंट में ज्यादातर युवा ही चोटिल होते हैं या फिर सबसे ज्यादा युवाओं की ही मौत होती है। ओवरटेक करने और रैश ड्राइविंग करने के चक्कर में युवा हादसों के शिकार जाते हैं। युवा हेलमेट लगाना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं।

जान गवांने वाले 57 परसेंट यूथ

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, राजधानी रांची में साल 2022 में 634 रोड एक्सीडेंट्स हुए। इनमें 412 यानी करीब 65 परसेंट मौत हुई। इन जान गंवाने वालों में 18 से 30 वर्ष के 235 युवा थे। यानी की 57 परसेंट युवाओं ने अपनी जान गंवा दी। जबकि पूरे राज्य में बीते साल 5009 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, इनमें 3711 लोगों की मौत हुई है। ये आंकड़े बताते हैं कि लापरवाही से वाहन चलाने वाले युवा ज्यादातर शिकार हुए हैं, जिसे देखते हुए युवाओं की आदत में सुधार लाना जरूरी है। युवाओं और उनके अभिभावकों को भी इस बात को गंभीरता से लेते हुए अवेयर होने की जरूरत है।

रिंग रोड में ज्यादा मनमानी

कहीं न कहीं तेज रफ्तार की चाहत में युवा मौत के मुंह में जा रहे हैं। हादसों पर लगाम लगाने को लेकर जहां शहरों में तमाम कोशिशें की जा रही हैं, आउट साइड इलाकों में इसे लेकर कोई जागरूकता नजर नहीं आ रही है। खासकर रिंग रोड पर युवा काफी स्पीड में गाड़ी चलाते हैं। इतना ही नहीं, रिंग रोड पर दर्जनों युवा स्टंट करते हुए भी नजर आ जाएंगे। स्टंट करने वाले युवाओं में 16 से 25 वर्ष के युवाओं की संख्या अधिक है।

सड़क पर युवा ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं करते। कई स्टूडेंट्स को भी रैश ड्राइविंग, बिना हेलमेट लगाए और ट्रिपल राइड करते हुए पकड़ा गया है। इसलिए अब इन युवाओं पर सख्ती बरतने का आदेश दिया गया है।

-प्रवीण कुमार प्रकाश, डीटीओ, रांची