RANCHI: हेल्थ डिपार्टमेंट के डिस्ट्रिक्ट आफिस के प्रज्ञा सेंटर में पब्लिक के कई काम होते हैं, जिसमें डेथ-बर्थ के अलावा और भी सर्टिफिकेट्स बनाए जाते हैं। इसके लिए हर दिन काफी संख्या में लोग पहुंचते भी हैं। अब जो काम प्रज्ञा सेंटर में फ्री होना है उसके लिए भी संचालक चार्ज वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं, अप्लीकेशन फार्म का भी लोगों से चार्ज वसूल रहे हैं, जिससे समझा जा सकता है कि कैसे पब्लिक की जेब ये लोग धीरे धीरे खाली कर रहे हैं।

फार्म व सर्टिफिकेट के नाम पर वसूली

सीएस आफिस के प्रज्ञा केंद्र में सबसे ज्यादा लोग बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के लिए आते हैं। चूंकि सदर हॉस्पिटल में जन्म लेने वाले बच्चों की पूरी जानकारी इसी आफिस में होती है। ऐसे में सर्टिफिकेट जारी करने में कोई देरी नहीं होती। अब इसी बात का फायदा प्रज्ञा केंद्र में बैठने वाले स्टाफ्स उठा रहे हैं। फार्म के नाम पर पहले सभी से 20 रुपए वसूलते हैं। इसके बाद सर्टिफिकेट देने के समय भी चार्ज देने की बात कहते हैं।

हर दिन 100 आवेदक

प्रज्ञा केंद्र में हर दिन 100 लोग आते हैं। इनमें ज्यादातर लोग बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने वाले होते हैं। जबकि कुछ लोग डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी अप्लाई करने आते हैं। अब इतने लोगों से 20-20 रुपए की वसूली हर दिन होती है, जिससे स्टाफ की कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं पब्लिक से होने वाली कमाई भी ऊपर के लोगों में बंटती है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस ऑफिस में हेल्थ डिपार्टमेंट के सिविल सर्जन बैठते हैं। इसके बावजूद उनकी नाक के नीचे ही अवैध कमाई हो रही है।

बिना चढ़ावा नहीं देते सर्टिफिकेट

अप्लीकेशन के नाम पर तो हर किसी से चार्ज ले लिया जाता है। वहीं कोई टोक दे या पूछ दे तो उसे फार्म नहीं देते। कोई अड़ जाता है तो उसे फार्म 10 रुपए लेकर ही देते हैं। इसके बाद सर्टिफिकेट जब बनकर आ जाता है तो चेहरा देखकर चढ़ावा लेते हैं। इसके बाद ही उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाता है। अगर कोई चढ़ावा नहीं देता तो उसका सर्टिफिकेट तबतक नहीं दिया जाता जबतक वह चढ़ावा न दे दे। इस चक्कर में लोगों को काफी परेशानी भी झेलनी पड़ती है।