-पहला पुरस्कार उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, दूसरा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद तथा तृतीय पुरस्कार महिला विकास निगम की झांकी को मिला

PATNA: गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक-से बढ़कर एक 15 झांकियां प्रदर्शित की गईं। इसमें बिहार के कलाओं पर आधारित झांकी ने बाजी जीती। उद्याोग विभाग के उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की विश्व प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग से सुसज्जित झांकी प्रथम स्थान पाने में सफल रही। इस झांकी में कृषि के साथ-साथ हस्तशिल्प से जुड़े छोटे-छोटे कुटीर उद्योग लगाकर आय में वृद्धि की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया गया था।

दूसरे स्थान पर रही बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की झांकी ने शिक्षा परियोजनाओं की तकनीक को एक नजर में दिखा दिया। स्कूल और क्लास रूम के बदले स्वरूप को प्रदर्शित किया। खल्ली-डस्टर और बोझिल संवादी शिक्षा को बाय-बाय करते हुए स्मार्ट क्लास दिखाया गया है। मेरा मोबाइल मेरा विद्यालय की अवधारणा के तहत बच्चों को मोबाइल से देश-विदेश में बैठे शिक्षकों, विशेषज्ञों से प्रश्नों के उत्तर हासिल करते दिखाया गया।

महिला विकास निगम की झांकी को तीसरा स्थान मिला। इसमें बाल विवाह मुक्त समाज की कल्पना की गई। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत कन्याओं को जन्म से स्नातक करने तक 54100 रुपये का लाभ मिलने की जानकारी दी गई। झांकी बाल विवाह और दहेज उन्मूलन के साथ-साथ किन्नर समुदाय के विकास पर आधारित थी। किन्नर समुदाय के लोग भी इस प्रदर्शनी में अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया।