साइलेंट फिल्मों के दौर में ही सुलोचना के खाते में कई हिट फिल्में थीं. उनकी पॉपुलैरिटी का हाल ये था कि एक इवेंट के मौके पर खादी एग्जिबिशन इनॉगरेट करते हुए महात्मा गांधी पर बनी एक शॉर्ट फिल्म दिखाए जाते वक्त, आर्गनाइजर्स ने उसके साथ ही फिल्म माधुरी (साइलेंट एरा की फिल्म) से सुलोचना का एक फेमस डांस सीक्वेंस कुछ साउंड इफेक्ट ऐड करके चला दिया.
बोलती फिल्मों के आने के बाद सुलोचना का करियर थोड़ा ठहर गया. सुलोचना असल में क्रिश्चियन थीं और उन्हें ‘हिन्दुस्तानी’ जबान बहुत अच्छे से नहीं आती थी. बोलती फिल्मों के आने के साथ ही डायलॉग डिलीवरी की स्किल जरूरी हो गई. ये सुलोचना के करियर के लिए एक धक्का था. कुछ वक्त ऐसे ही चला, मगर फिर सुलोचना ने हार ना मानने का फैसला लिया. उन्होंने एक साल का ब्रेक लेकर हिन्दुस्तानी धड़ल्ले से बोलने की तालीम ली और फिर वापसी की. सबसे पहले उन्होंने 1920ह्य के दौरान बनी अपनी फिल्मों का रीमेक 1930ह्य के दौरान रिलीज किए. सभी फिल्में बहुत सक्सेसफुल हुईं और सुलोचना फिर टॉप तक पहुंच गईं.
मगर 1940ज से सुलोचना के करियर में ढलान जो शुरू हुआ तो फिर वह संभल नहीं सकीं. नई एक्ट्रेसेस के सामने सुलोचना कम्पीट नहीं कर सकीं. कैरेक्टर रोल के सहारे उन्होंने वापसी की कोशिश की लेकिन फिर कभी हालात पहले जैसे ना हो सके.
Trivas
- कहा जाता है कि सुलोचना को उन दिनों बॉम्बे के गवर्नर से भी ज्यादा पैसे मिला करते थे, ये रकम थी 5000 रुपए. वह इतना कमाने वाली इकलौती एक्ट्रेस थीं.
- सुलोचना के पास एक शेवरोले 1935 थी, जिसे वह खुद चलाती थीं.
- सुलोचना और डी बिलीमोरिया (साइलेंट फिल्मों के सुपरस्टार) का अफेयर बहुत फेमस हुआ. 1933 से 1939 के बीच सुलोचना ने सिर्फ बिलीमोरिया के साथ फिल्में कीं. इसके बाद दोनों में दूरियां आ गईं.
- 1983 में बॉम्बे में अपने फ्लैट में सुलोचना ने आखिरी सांसें लीं. उस वक्त तक स्टारडम की दुनिया उन्हें भुला चुकी थी और उनके साथ कोई भी नहीं था.
- सुलोचना ने अनारकली नाम की तीन फिल्में कीं. तीनों एक ही स्टोरी का रीमेक थीं. पहली अनारकली, जिसमें सुलोचना मेन एक्ट्रेस थीं, साइलेंट फिल्मों के दौर में बनी. जब सुलोचना ने बोलती फिल्मों में वापसी की तो उन्होंने अपनी फिल्म अनारकली को फिर से बना कर फिर उसमें लीड रोल किया और फिल्म जबरदस्त चली. तीसरी अनारकली उनके हिस्से आई तब, जब वह अपने खत्म होते करियर को संभालने की कोशिश कर रही थीं. इस अनारकली से उन्होंने वापसी की, लेकिन अनारकली नहीं, सलीम की मां के रोल में.
शोभना समर्थ
1940ज के दौर की नामी एक्ट्रेस शोभना समर्थ अपने हसबैंड से अलग होने के बाद कई साल तक मोतीलाल के साथ उनके घर में रहीं. ये बात काफी हद तक खुली होने के बाद भी शोभना समर्थ लोगो के सामने मोतीलाल को अपना ‘क्लोज फ्रेंड’ ही कहती थीं.