लातिन अमरीकी इक्वाडोर की राजधानी क्वीटो में विदेश मंत्री रिकार्दो पतीनो ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “इक्वाडोर इस आग्रह का अध्ययन और विश्लेषण कर रहा है.” पिछले हफ्ते ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने असांज की खुद को स्वीडन प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ दी गई अपील को खारिज कर दिया। असांज पर स्वीडन में यौन अपराधों के आरोप लगे हैं जिनसे वो इनकार करते हैं।

ब्रितानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वो इक्वाडोर के साथ मिल कर इस स्थिति को सुलझा रहा है। असांज काफी समय से ब्रिटेन में हैं। विकीलीक्स की तरफ से जारी किए गोपनीय दस्तावेजों के कारण कई सरकारों को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी।

असांज पर आरोप

असांज प्रत्यर्पण के खिलाफ अपने मामले को मानवाधिकारों के लिए यूरोपीय संघ की अदालत यानी ईसीएचआर में भी ले जा सकते है और इसके लिए उनके पास 28 जून तक का समय है। इसके बाद उन्हें स्वीडन प्रत्यर्पित किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

विकीलीक्स के लिए काम करने वाली दो महिलाओं ने 2010 में असांज पर बलात्कार और यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इन्हीं आरोपों के सिलसिले में स्वीडिश अभियोजक उनसे पूछताछ करना चाहते हैं। वहीं असांज का कहना है कि इस मामले में यौन संबंध सहमति से बनाए गए थे। इक्वाडोर के दूतावास ने बताया कि असांज मंगलवार दोपहर को शरण मांगने दूतावस में आए।

दूतावास के एक बयान में कहा गया है, “मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की सार्वभौमिक घोषणा पर हस्ताक्षर करने के नाते हमने उनके आवदेन को तुरंत क्वीटो में संबंधित विभाग को आगे बढ़ा दिया है। जब तक विभाग उनके आवेदन का मूल्यांकन करता है, अंसाज इक्वाडोर सरकार की सुरक्षा में दूतावास में ही रहेंगे.” बयान में आगे कहा गया है कि शरण के आवेदन पर विचार करने को ये कतई न समझा जाए कि इक्वाडोर की सरकार ब्रिटेन या स्वीडन की न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डाल रही है।

असांज का डर

असांज ने अपनी ओर से जारी एक बयान में कहा है कि वे ‘कृतज्ञ हैं कि इक्वाडोर के राजदूत और वहां की सरकार मेरे आवेदन पर विचार कर रहे हैं.’ समाचार एजेंसी एपी ने पतीनो के हवाले से बताया कि असांज ने इक्वाडोर के राष्ट्रपति रफाएल कोरेया को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

पतीनो ने बताया कि असांज के देश ऑस्ट्रेलिया का दावा है कि वो किसी सरकार के सामने उनका बचाव नहीं करेगा। असांज को डर है कि स्वीडन से उन्हें अमरीका भेजा जा सकता है, जहां उन पर विकीलीक्स को लेकर मुकदमा चल सकता है जिसके लिए मौत की सजा भी हो सकती है। पतीनो के अनुसार असांज का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी देश प्रत्यर्पित किए जाने से सुरक्षा नहीं मिलेगी जहां जासूसी और विद्रोह जैसे अपराधों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।

इक्वाडोर की 'पेशकश'

ब्रितानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसे अब इक्वाडोर के अधिकारियों ने जूलियन असांज के राजनीतिक शरण मांगने के बारे मे बताया है। एक प्रकवक्ता ने कहा कि चूंकि वो अभी एक राजनयिक क्षेत्र में हैं और इसीलिए पुलिस की पहुंच से बाहर हैं। इससे पहले इक्वाडोर ने 2010 में असांज को शरण देने की पेशकश की थी।

वर्ष 2010 में इक्वाडोर में उप विदेश मंत्री ने कहा था कि उनका देश असांज को इसलिए शरण देना चाहता है ताकि जो जानकारी उनके पास है, वो उसे स्वतंत्र रूप से पेश कर सकें। हालांकि बाद में राष्ट्रपति कोरेया ने इस विचार को ये कहते हुए खारिज कर दिया न तो उन्होंने और ही पतीनो ने इस प्रत्यर्पण को मंजूरी दी है।

International News inextlive from World News Desk