-पीएमसीएच में स्ट्राइक से टले 40 से अधिक ऑपरेशन

- डॉक्टर नहीं होने के कारण इमरजेंसी में भी पेशेंट लौटते रहे

- प्रधान सचिव ने की वार्ता, शाम में स्ट्राइक हुआ कॉल ऑफ

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PATNA(23Sept):

पटना सहित प्रदेश भर में जूनियर डॉक्टरों की स्ट्राइक के कारण सोमवार दिनभर सरकारी अस्पतालों अस्पताल में पेशेंट तड़पते रहे और जूनियर डॉक्टरों हड़ताल पर हल्ला करते रहे। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, बिहार के बैनर तले विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स प्रतिनिधियों के साथ उनकी मांगों पर सरकार की ओर से भरोसा मिलने के बाद शाम पांच जूनियर डॉक्टर्स काम पर वापस लौट आए। इस दौरान पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच में मरीज दर्द झेलने को मजबूर हुए। हड़ताल की वजह से ओपीडी सेवाएं प्रभावित रही। इमरजेंसी में आए गंभीर पेशेंट्स बिना इलाज वापस लौटने को मजबूर रहे। इसके साथ ही दर्जनों ऑपरेशन टले। इधर, प्रशासन के हस्तक्षेप और पेशेंट के परिजनों की शिकायत के बाद पटना मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ विद्यापति चौधरी ने करीब तीन बजे वार्ड और इमरजेंसी का विजिट किया।

एक तरफ चीख-पुकार, दूसरी ओर नारेबाजी

स्ट्राइक के दौरान पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर्स टाटा वार्ड के सामने बैनर, पोस्टर लगाकर अपनी मांगों पर अडे़ रहे और दूसरी ओर वार्ड और इमरजेंसी में पेशेंट डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण चीख-पुकार लगाते रहे। जूनियर डॉक्टरों का एक ही बात कहना था कि उनकी बात हर बार अनदेखी की जा रही है, यह मनमाना रवैया है। हमारा विरोध मांगों को लेकर है और इसमें कोई कंप्रोमाइज नहीं करेंगे।

बाक्स में -

स्ट्राइक इम्पैक्ट

- पीएमसीएच में 40 ऑपरेशन टले।

- मात्र दो ऑपरेशन आरएसबी में हुए।

- पीएमसीएच में ओपीडी रजिस्ट्रेशन मात्र 1900 के करीब रही।

- पीएमसीएच में इमरजेंसी भी प्रभावित। मात्र 350 पेशेंट को सीनियर डॉक्टरों ने देखा।

- एनएमसीएच में मात्र एक ऑपशेन हुआ।

- स्ट्राइक की सूचना पाते ही स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप, अधिकारी डैमेज कंट्रोल में जुटे।

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मांगे मानी गई, कमेटी सौपेंगी रिपोर्ट

स्ट्राइक के कारण अस्पतालों में चरमराई व्यवस्था से परेशान होकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने जूनियर डॉक्टरों को वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया। सचिवालय में प्रधान सचिव व जूनियर डॉक्टरों के बीच वार्ता में डॉक्टरों की मांग पर विचार करने के लिए छह सदस्यीय कमेटी गठित करने पर सहमति बनी। कमेटी जूनियर डॉक्टरों की सभी मांगों पर विचार करने के उपरांत पांच अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर, पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ। विद्यापति चौधरी व अधीक्षक डॉ। राजीव रंजन प्रसाद, एनएमसीएच के प्राचार्य डॉ। विजय कुमार गुप्ता, जेडीए संयोजक डॉ। रवि रंजन रमण एवं पीएमसीएच के जेडीए अध्यक्ष डॉ। शंकर भारती को शामिल किया गया है.वार्ता के बाद जूनियर डॉक्टर शाम पांच बजे से काम पर जुट गए.हड़ताल खत्म होते ही पेशेंट्स और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली।

लौटते रहे पेशेंट

पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी हुई। वैशाली के जंदाहा से आए पशुपतिनाथ राय अस्पताल में सही इलाज न मिलने से पीएमसीएच से निजी अस्पताल चले गए। उनके परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में न तो सही तरीके से इलाज किया जा रहा और न ही साफ-सफाई है। पशुपतिनाथ राय रविवार की रात में पीएमसीएच की इमरजेंसी में भर्ती हुए थे। वे अचानक बेहोश हो गए तो परिजन स्थानीय चिकित्सकों से दिखाया था, लेकिन कोई सुधार न होने पर मरीज को लेकर पीएमसीएच चले आए। लेकिन यहां भी सही इलाज नहीं होने पर निजी चिकित्सक के पास ले गए। वहीं 60 वर्षीय बुजुर्ग माधुरी देवी के परिजन भी अस्पताल में डॉक्टरों को न देखने पर निजी चिकित्सक के पास ले गए। माधुरी देवी का हाथ टूट गया है। दर्द से महिला काफी परेशान थी, लेकिन चिकित्सकों ने मरीज को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद परिजन मरीज को लेकर निजी अस्पताल में चले गए। पीएमसीएच की इमरजेंसी एवं विभिन्न वार्डो से दूसरे अस्पतालों में पलायन कर गए।

आईजीआईएमएस में नॉमर्ल रही ओपीडी

आईजीआईएमएस में सोमवार को सामान्य रूप से ओपीडी चली और डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया। एनएमसीएच और पीएमसीएच में स्ट्राइक के कारण मरीजों की काफी भीड़ रही। दोपहर तक ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को देखते रहे। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ। मनीष मंडल ने बताया कि यहां साढ़े तीन हजार से अधिक पेशेंट देखे गए। मेडिसिन, कैंसर, कॉर्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी, गैस्ट्रोसर्जरी, पल्मोनरी मेडिसिन आदि विभागों में इनकी काफी लंबी कतारें लगी रहीं। सभी विभागों में डॉक्टर दोपहर बाद तक मरीजों को देखते मिले।

कोट

इनकी मांगों पर विचार करने के लिए बैठक की गई। वार्ता सफल रही। कमेटी गठित की गई है। इसके रिपोर्ट सौंपने के बाद इस पर आगे कार्य होगा।

- संजय कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग

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हमारी मांगे मानी गई है। खास तौर पर एसआरशिप के मामले में सरकार का रुख संतोषजनक रहा। पांच अक्टूबर तक मांग के बिंदू कमेटी रिपोर्ट में भी होगा।

- डॉ रवि रंजन कुमार रमण, अध्यक्ष जेडीए बिहार

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